घुसपैठ रोकना सबसे बड़ा लक्ष्य
मालूम हो कि केंद्रीय गृहमंत्री ने सोमवार को जम्मू में देश की पहली स्मार्ट बाड़ की परियोजना का उद्घाटन किया था। इजरायल में लगाई गई बाड़ की तर्ज पर कॉम्प्रिहेंसिव इंटिग्रेटेड बॉर्डर मैनजमेंट सिस्टम के तहत अंतरराष्ट्रीय सीमा पर स्मार्ट बाड़ लगाने का काम पिछले साल से शुरु किया गया था। देश की सीमा को सुरक्षित बनाने के साथ ही पड़ोसी देश से होनेवाली घुसपैठ को रोकना ही इस परियोजना का मुख्य लक्ष्य है। धुबड़ी जिले से सटी भारत-बांग्लादेश सीमा से ज्यादा घुसपैठ होती है।
यह है स्मार्ट बाड़ की विशेषता
इजरायल तकनीक से लैस अत्याधुनिक स्मार्ट बाड़ में सेंसर की क्षमता ऐसी है कि अगर भारतीय सीमा के गांव में कोई भी नया चेहरा दिखता है तो यह फौरन उसकी पहचान कर कंट्रोल रुम को इसकी सूचना देगा। कंटीली बाड़ के साथ इसमें लेजर बीम की एक अदृश्य दीवार खड़ी की जाएगी और क्लोज सर्किट कैमरों के साथ जमीन के भीतर सेंसर कैमरे भी लगाए जाएंगे। ऐसे में अगर कोई व्यक्ति इस बाड़ को पार करने की कोशिश करता है तो केंद्रीय निगरानी प्रणाली के पास फौरन इसकी जानकारी पहुंच जाएगी।
यह बाड़ सीमा सुरक्षा बल के नियंत्रण में संचालित होगी। आधुनिक यंत्रों,सेंसर्स व हाई डेफिनेशन कैमरे,रडार,लेजर दीवार से लैस स्मार्ट बाड़,जमीन,सुरंग व किसी अन्य तरीके से बाड़ पार करने की कोशिशों को नाकाम कर देगा। इस बाड़ के नीचे कोई सुरंग बनाना भी संभव नहीं होगा। स्मार्ट बाड़ यह भी पता लगा लेगी कि स्पर्श इंसान का है या जानवर का।