अमित शाह ने पूर्वोत्तर राज्यों के राजनीतिक और गैर-राजनीतिक प्रतिनिधियों को आश्वस्त किया कि पूर्वोत्तर राज्यों को चिंता करने की जरूरत नही हैं। गृहमंत्रालय के सूत्रों के मुताबिक पूर्वोत्तर राज्यों के 6वीं अनुसूची और इनर-लाइन रेग्युलेशन क्षेत्रों को सीएबी के दायरे से बाहर रखे जाने की योजना है। इसका मतलब यह हुआ कि पूर्वोत्तर का कोई भी राज्य सीएबी के दायरे में नही आएगा। अरुणाचल प्रदेश, नागालैंड और मिज़ोरम राज्य इनर–लाइन रेग्युलेशन में और असम, मेघालय, मिज़ोरम और त्रिपुरा राज्यों में 6वीं अनुसूची के अंतर्गत कई स्वायत्त जिला परिषद हैं। मोदी सरकार संसद के इस शीतकालीन सत्र में नागरिकता संशोधन बिल को फिर से पेश करना चाहती हैं। पूर्वोत्तर में बिल का विरोध किया जा रहा है।