भट्टाचार्य वर्ष 2006 से असम पुलिस को मदद कर रहे थे। उन्होंने कहा कि असम पुलिस से उन्हें जो सम्मान मिलना था वह अब तक नहीं मिला है। उन्होंने असम पुलिस की शीर्ष अधिकारियों से कहा था कि पश्चिम बंगाल की सरकार के साथ बातकर मेरे और मेरे परिवार के लिए सुरक्षा का इंतजाम करे। लेकिन इस बारे में कुछ नहीं किया गया। मैंने कई अपराधियों और उग्रवादियों के स्कैच बनाकर उन्हें पकड़ने में असम पुलिस की मदद की थी। इससे अब मुझे और मेरे परिवार के सामने खतरा पैदा हो गया है। 2006 में गुवाहाटी रेलवे स्टेशन के ऑटो स्टैंड पर हुए बम धमाके के आरोपियों का स्कैच बनाने पहली बार भट्टाचार्य आए थे।
कृषि विभाग के अधिकारी गदापाणि पाठक, अल्पसंख्यक छात्र नेता लफीकुल इस्लाम के हत्यारों का स्कैच भी भट्टाचार्य ने बनाया। भट्टाचार्य ने बताया कि उन्होंने पश्चिम बंगाल में काम करना पहले ही बंद कर दिया क्योंकि इससे उन्हें खतरा पैदा होता था। मैंने मुख्यमंत्री सर्वानंद सोनोवाल से मिलने की इच्छा व्यक्त की थी लेकिन अनुमति नहीं मिली। इससे मुझे आघात लगा क्योंकि मैंने अपराधियों को पकड़ने के लिए काफी योगदान किया था। असम सरकार ने मेरे काम की स्वीकृति के लिए कोई पुरस्कार तक नहीं दिया। भट्टाचार्य असम पुलिस के अलावा मुंबई और जम्मू कश्मीर के पुलिस विभाग के साथ कार्य करते हैं।