भारत-बांग्लादेश सीमा की निगरानी के लिए जिले से सटी भारत-बांग्लादेश की अंतर्राष्ट्रीय सीमा बर्मनपाड़ा में व्यापक एकीकृत सीमा प्रबंधन प्रणाली के तहत ‘बॉर्डर एलेक्ट्रॉनिकली डोमिनेटेड क्यू-आर-टी सिस्टम ‘ का उद्धाटन केंन्द्रीय गृहमंत्री राजनाथ सिंह ने मंगलवार को उद्धाटन किया। सिंह ने इस अवसर पर कहा कि इस प्रणाली के शुरू होने के बाद हमारी देश की सीमाएं और अधिक सुरक्षित होंगी। इस अवसर पर मुख्यमंत्री सर्वानंद सोनोवाल, सीमा सुरक्षा बल के महानिदेशक रजनीकांत मिश्र उपस्थित थे। उन्होंने ने कहा कि सीमा सुरक्षा बल बांग्लादेश के साथ 4,096 किलोमीटर लंबी अंतर्राष्ट्रीय सीमा की सुरक्षा करने वाला देश का अग्रणी सीमा रक्षक बल है। सीमाओं के विभिन्न स्थानों पर भौगोलि बाधाओं के कारण सीमा बाड़ को खड़ा करना संभव नहीं है। असम के धुबड़ी जिले का यह 61 किलोमीटर लम्बा सीमा क्षेत्र है, जहां से ब्रह्मपुत्र नदी बांग्लादेश में प्रवेश करती है। ब्रह्मपुत्र और उसकी कई सहायक नदियों का विषम परिक्षेत्र है, जो सीमा निगरानी को एक मुश्किल और चुनौती भरा कार्य बनाता है, विशेष रूप से बरसात के मौसम में। इस समस्या को दूर करने के लिए, 2017 में गृह मंत्रालय ने बीएसएफ की जनशक्ति की भौतिक उपस्थिति के साथ ही तकनीकी समाधान का भी निर्णय लिया।
जनवरी 2018 में बीएसएफ के सूचना और प्रौद्योगिकी विंग ने बॉर्डर इलेक्ट्रॉनिकली डोमिनेटेड क्यू- आर-टी सिस्टम पर काम करना शुरू किया और इसे विभिन्न निर्माताओं तथा आपूर्तिकर्ताओं के तकनीकी सहयोग से रिकॉर्ड समय में पूरा किया। व्यापक एकीकृत सीमा प्रबंधन प्रणाली के तहत तकनीकी सिस्टम स्थापित करने की परियोजना है, जो विभिन्न प्रकार की सेंसर प्रणाली के उपयोग से बीएसएफ को ब्रह्मपुत्र और उसकी सहायक नदियों के जलीय क्षेत्र में भारत-बांग्लादेश की बिना बाड़ वाली सीमाओं की प्रभावी निगरानी में सक्षम होगी। परियोजना के उद्घाटन के पश्चात इस पूरे क्षेत्र को डाटा नेटवर्क पर काम करने वाली संचार, ओएफसी केबल्स, डीएमआर कम्युनिकेशन, दिन और रात निगरानी करने वाले कैमरों और घुसपैठ का पता लगाने वाली प्रणाली द्वारा कवर किया गया है।