scriptत्रिपुरा के ब्रू शरणार्थी शिविरों में 15 जनवरी से बंद हो जाएगी राहत सामग्री की आपूर्ति | Supply of relief material will be closed from 15 in Tripura Bru camps | Patrika News

त्रिपुरा के ब्रू शरणार्थी शिविरों में 15 जनवरी से बंद हो जाएगी राहत सामग्री की आपूर्ति

locationगुवाहाटीPublished: Jan 10, 2019 05:32:31 pm

Submitted by:

Prateek

पढे पूरी ख़बर और जाने, क्या है ब्रू शरणार्थी मुद्दा…

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सुवालाल जांगु की रिपोर्ट…

(आइजोल): 15 जनवरी से त्रिपुरा के कंचनपुर व पनिसागर उपखंडों के 6 राहत सहायता शिविरों में रह रहे 32 हजार से अधिक ब्रू शरणार्थियों को केन्द्र द्वारा दी जाने वाली मुफ्त राशन व नकदी की आपूर्ति रोक दी जाएगी। इसके लिए केंद्रीय गृह मंत्रालय से निर्देश पत्र उपखंड के एसडीएम को मिला है। पिछले साल 25 अगस्त से ब्रू शरणार्थियों की वापसी की प्रक्रिया शुरू की गई थी लेकिन एक महीने तक इंतज़ार करने के बावजूद केवल 42 परिवारों के कुल 150 लोग ही मिजोरम में वापस गए। इसके बाद गृह मंत्रालय ने 1 अक्टूबर से शिविरों में राहत सामग्री की आपूर्ति को रोक दिया था। हालांकि इसके बाद शरणार्थी शिविरों में भुखमरी के कई मामले सामने आने के बाद 1 नवंबर से फिर से राहत सामग्री की आपूर्ति शुरू कर दी थी।

 

क्या है ब्रू शरणार्थी मुद्दा

ब्रू मिजोरम में एक जनजातीय व धार्मिक अल्पसंख्यक हैं, जिनकी भाषा व धार्मिक पहचान न तो मिजो ईसाईयों की तरह है और न ही हिन्दुओं के समान है। ब्रू 1997-1998 के दौरान जनजातीय हिंसा भड़कने के कारण, मिजोरम के तीन जिलों मामित, कोलासिब और लुंगलेई से 37 हजार से अधिक लोग त्रिपुरा आ गए थे। 2007 में एक बार फिर छोटे पैमाने पर हिंसा की घटनाएं हुई थीं। 2009 में ब्रू शरणार्थी समुदाय के प्रतिनिधियों और मिजोरम सरकार के बीच ब्रू शरणार्थियों को वापस मिजोरम में बसाने के लिए त्रिपुरा सरकार और केंद्रीय गृह मंत्रालय से समझौते को स्वीकृति मिल गई थी। सबसे पहले 2009 से ब्रू को वापस मिजोरम में बसाने की प्रक्रिया शुरू हुई थी। लगभग दस साल के बाद भी कुल 7 हजार ब्रू ही वापस आ सके हैं। इनमें से 4 हजार ने तो स्वेच्छा से घर वापसी की है। 2014 में एक और समझौता हुआ था, जिसके अनुसार ब्रू शरणार्थी आगामी चुनावों में शिविरों से मतदान नहीं कर सकेंगे। हालांकि एक साल बाद ही ब्रू प्रतिनिधियों ने अपने को इस समझौता से अलग कर लिया था।

 

मिजोरम विधानसभा चुनाव में भाग लिया

इस बार मिजोरम विधानसभा चुनाव में त्रिपुरा के शरणार्थी शिविरों से पहली बार लगभग 6 हजार ब्रू मतदाताओं ने मिजोरम आकर मताधिकार का प्रयोग किया था। हालांकि कुल 23 हजार मतदाताओं में से लगभग 11 हजार को ही मिजोरम सरकार ने प्रमाणित किया था।

 

अब आगे क्या होगा

लगभग 22 साल के बाद भी सभी ब्रू शरणार्थी शिविरों से वापस नहीं आना चाहते हैं। केंद्र व राज्य सरकार ने कई बार उनकी घर वापसी के लिए समझौते किए और हर साल इनकी वापसी के प्रयास किए जा रहे हैं। अब तक दो बार केंद्र सरकार ने शरणार्थी शिविरों में राहत सामग्री की आपूर्ति को रोका है। ब्रू शरणार्थी समुदाय के प्रतिनिधियों ने घर वापसी के पैकेज को अपर्याप्त और असंतोषजनक मानते हुए खारिज कर दिया। अब 15 जनवरी से राहत सामग्री बंद करने के सरकार के आदेश पर प्रतिक्रिया देते हुए मिजोरम ब्रू विस्थापित पीपुल्स फोरम के सचिव ब्रूनो मशा ने कहा कि मैं राहत सामग्री की आपूर्ति में आने वाली बाधा से अवगत हूं और इस बाबत हम गृहमंत्री राजनाथ सिंह को मामले में हस्तक्षेप करने के लिए एक आग्रह पत्र भेजेंगे।

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