सरकार का दावा- इन रोगों में लाभकारी
मणिपुर सरकार ने दावा किया है कि तमाम शोधों के बाद यह प्रमाणित हुआ है कि इस काले चावल के खाने से गंभीर ऐथिरोस्क्लेरोसिस बीमारी, उच्च रक्तचाप, तनाव, उच्च कोलेस्ट्रॉल, आर्थराइटिस, कैंसर और एलर्जी सरीखी बीमारियों से पीडि़तों को बचाव एवं राहत प्रदान करता है। काला चावल मोटापा कम करने के लिए बेहद लाभदायक हैं। दिल को स्वस्थ और मजबूत रखने के लिए भी ये सहायक है। इसमें मौजूद फाइटोकेमिकल कोलेस्ट्रॉल के स्तर को नियंत्रित करते हैं। साथ ही यह हृदय की धमनियों में अर्थो स्क्लेरोसिस प्लेक फॉर्मेशन की संभावना कम करता है जिससे हार्ट अटैक और स्ट्रोक की संभावना भी कम होती है। काले चावल में एंथोसायनिन नामक एंटी ऑक्सीडेंट भरपूर मात्रा में मौजूद होता है जो कार्डियोवेस्कुलर और कैंसर जैसी बीमारियों से बचाने में सहायक है। यह प्रतिरोधक क्षमता में भी इजाफा करता है। इनमें मौजूद विशेष एंटी ऑक्सीडेंट तत्व त्वचा व आंखों के लिए फायदेमंद होते हैं। इसमें मौजूद फाइबर पाचन तंत्र को दुरुस्त करने के साथ आंत की बीमारी को भी दूर करते हैं। अगर गुणवत्ता की बात करें तो इसके 100 ग्राम में कार्बोहाइड्रेट-34, प्रोटीन-8.7, आयरन-3.5, फाइबर-4.9 और सर्वाधिक एंटी ऑक्सिडेंट मौजूद रहता है।
विशेषज्ञ बोले- इसी लिए काला
एंथोसायनिन पाए जाने की वजह से इस चावल का रंग काला होता है जो इसमें एंटी ऑक्सिडेंट को बढ़ाता है। एंटी ऑक्सिडेंट हमारे शरीर से विषाक्त पदार्थों को बाहर करने में मदद करता है। काले चावल को स्वास्थ्य के लिए सबसे लाभकारी माना जा रहा है। सफेद और भूरे चावल के मुकाबले काले चावल में विटामिन और खनिज तत्वों की प्रचुरता ज्यादा रहती है। इस विशेष चावल में एंटीऑक्सिडेंट की मात्रा ज्यादा है। इसके अलावा इसमें विटामिन ई, फाइबर और प्रोटीन की प्रचुरता सामान्य काले चावलों से भी ज्यादा है जबकि सामान्य काले चावल में यह तत्व सफेद और भूरे चावल से ज्यादा है।
ये सौदा खरा-खरा
मणिपुर सरकार के कृषि मंत्रालय के आंकड़ों के अनुसार अन्य काले चावलों के मुकाबले चाक हाओ किसान, व्यापारियों से लेकर उपभोक्ता तक के लिए लाभ का सौदा है। इसकी खेती में प्रति हेक्टेयर 60 हजार रुपए की लागत आती है। इससे करीब 2880 किलो धान का उत्पादन होता है और उस धान से यदि 65 प्रतिशत चावल की रिकवरी मानें तो प्रति हेक्टेयर के धान से 1872 किलो चावल निकलता है। सरकार ने 100 किलो के चावल का बिक्री मूल्य 182720 रुपए जबकि 50 किलो धान का बिक्री मूल्य 144000 रुपए निर्धारित किया है।
ज्यादा पैदावार के लिए कर रहे प्रेरित
मणिपुर में काले धान की पैदावार होती है, जिससे काला चावल निकलता है। मणिपुर सरकार के कृषि विभाग ने इसकी प्रजाति को उन्नत बनाते हुए इसमें औषधीय गुणों और पोषक तत्वों की प्रचुरता वाले काले धान की किस्म इजाद की है। इससे निकलने वाला चावल सामान्य काले चावलों से ज्यादा गुणी है, इसलिए चाक हाओ की कीमत करीब 1800 रुपए प्रति किलो के आसपास है। अभी इसका व्यवसायिक उत्पादन उतना तेज नहीं हुआ है। वैसे सामान्य काले चावल की बाजार में कीमत भी 150 से 200 रुपए किलो के आसपास है। सरकार को उम्मीद है कि इसकी मांग देश-दुनिया के बाजार में तेजी से बढ़ेगी।