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काला है पर बड़े फायदे वाला है, कीमत भी सबसे आला है

locationगुवाहाटीPublished: Aug 09, 2019 06:53:24 pm

Submitted by:

Nitin Bhal

आज हम बात कर रहे हैं ऐसे चावल की जिसे काला सोना भी कहा जाता है। जी हां, दावा किया जा रहा है कि यह काला सोना लोगों को तमाम तरह की बीमारियों से बचाएगा…

This rice is Black Gold of Manipur

काला है पर बड़े फायदे वाला है, कीमत भी सबसे आला है

इंफाल. दुनियाभर में चावल मनुष्य का सबसे पसंदीदा और सबसे अधिक खाया जाने वाला अन्न है। भारत में भी मध्य भारत को छोड़ कर लगभग सभी जगहों पर चावल सर्वाधिक खाया जाता है। भारत में करीब २० रुपए से शुरू होकर 200-500 रुपए प्रति किलोग्राम तक के चावल मिलते हैं। आज हम बात कर रहे हैं ऐसे चावल की जिसे काला सोना Manipuri Black Rice ( CHAK-HAO ) भी कहा जाता है। जी हां, दावा किया जा रहा है कि यह काला सोना लोगों को तमाम तरह की बीमारियों से बचाएगा। इनमें डायबिटीज, कॉलेस्ट्रोल, बीपी और कैंसर जैसे रोग शामिल हैं। हालांकि मणिपुर में पैदा होने वाले इस विशेष काले चावल के दाम सुनकर कइयों के होश उड़ जाएंगे। 1800 रुपए प्रति किलो के आसपास के दाम पर बिकने वाले इस विशेष चाक हाओ (सेंटेड काला चावल) में पोषक तत्वों की मात्रा अन्य चावलों से ज्यादा है। इसके गुणों को देखकर 1800 रुपए किलो का दाम भी सस्ता लगने लगता है। राज्य के किसानों को आर्थिक लाभ पहुंचाने और इसमें पाए जाने वाले औषधीय गुणों से अधिकांश लोगों को लाभ प्रदान कराने के मकसद से मणिपुर सरकार का कृषि विभाग इस चावल की ब्रांडिंग में जुटा हुआ है। प्रदेश सरकार का कहना है कि चाक हाओ मणिपुर के संसाधन की आर्थिक कुंजी बन सकता है। सरकार इस चावल की जोर-शोर से ब्रांडिंग भी कर रही है। पूर्वोत्तर विकास सम्मेलन में राज्य सरकार ने इसके गुण और व्यवसायिक फायदों को उद्यमियों के सामने गिनाया। इसी सम्मेलन में सरकार ने इस चावल से होने वाले आर्थिक लाभ के फायदों को गिनाते हुए प्राइवेट कंपनियों से भी आग्रह किया है कि वे पीपीपी मॉडल के जरिए प्रदेश में आकर इसका उत्पादन करें।

सरकार का दावा- इन रोगों में लाभकारी

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मणिपुर सरकार ने दावा किया है कि तमाम शोधों के बाद यह प्रमाणित हुआ है कि इस काले चावल के खाने से गंभीर ऐथिरोस्क्लेरोसिस बीमारी, उच्च रक्तचाप, तनाव, उच्च कोलेस्ट्रॉल, आर्थराइटिस, कैंसर और एलर्जी सरीखी बीमारियों से पीडि़तों को बचाव एवं राहत प्रदान करता है। काला चावल मोटापा कम करने के लिए बेहद लाभदायक हैं। दिल को स्वस्थ और मजबूत रखने के लिए भी ये सहायक है। इसमें मौजूद फाइटोकेमिकल कोलेस्ट्रॉल के स्तर को नियंत्रित करते हैं। साथ ही यह हृदय की धमनियों में अर्थो स्क्लेरोसिस प्लेक फॉर्मेशन की संभावना कम करता है जिससे हार्ट अटैक और स्ट्रोक की संभावना भी कम होती है। काले चावल में एंथोसायनिन नामक एंटी ऑक्सीडेंट भरपूर मात्रा में मौजूद होता है जो कार्डियोवेस्कुलर और कैंसर जैसी बीमारियों से बचाने में सहायक है। यह प्रतिरोधक क्षमता में भी इजाफा करता है। इनमें मौजूद विशेष एंटी ऑक्सीडेंट तत्व त्वचा व आंखों के लिए फायदेमंद होते हैं। इसमें मौजूद फाइबर पाचन तंत्र को दुरुस्त करने के साथ आंत की बीमारी को भी दूर करते हैं। अगर गुणवत्ता की बात करें तो इसके 100 ग्राम में कार्बोहाइड्रेट-34, प्रोटीन-8.7, आयरन-3.5, फाइबर-4.9 और सर्वाधिक एंटी ऑक्सिडेंट मौजूद रहता है।


विशेषज्ञ बोले- इसी लिए काला

This rice is Black Gold of Manipur

एंथोसायनिन पाए जाने की वजह से इस चावल का रंग काला होता है जो इसमें एंटी ऑक्सिडेंट को बढ़ाता है। एंटी ऑक्सिडेंट हमारे शरीर से विषाक्त पदार्थों को बाहर करने में मदद करता है। काले चावल को स्वास्थ्य के लिए सबसे लाभकारी माना जा रहा है। सफेद और भूरे चावल के मुकाबले काले चावल में विटामिन और खनिज तत्वों की प्रचुरता ज्यादा रहती है। इस विशेष चावल में एंटीऑक्सिडेंट की मात्रा ज्यादा है। इसके अलावा इसमें विटामिन ई, फाइबर और प्रोटीन की प्रचुरता सामान्य काले चावलों से भी ज्यादा है जबकि सामान्य काले चावल में यह तत्व सफेद और भूरे चावल से ज्यादा है।

ये सौदा खरा-खरा

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मणिपुर सरकार के कृषि मंत्रालय के आंकड़ों के अनुसार अन्य काले चावलों के मुकाबले चाक हाओ किसान, व्यापारियों से लेकर उपभोक्ता तक के लिए लाभ का सौदा है। इसकी खेती में प्रति हेक्टेयर 60 हजार रुपए की लागत आती है। इससे करीब 2880 किलो धान का उत्पादन होता है और उस धान से यदि 65 प्रतिशत चावल की रिकवरी मानें तो प्रति हेक्टेयर के धान से 1872 किलो चावल निकलता है। सरकार ने 100 किलो के चावल का बिक्री मूल्य 182720 रुपए जबकि 50 किलो धान का बिक्री मूल्य 144000 रुपए निर्धारित किया है।

ज्यादा पैदावार के लिए कर रहे प्रेरित

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मणिपुर में काले धान की पैदावार होती है, जिससे काला चावल निकलता है। मणिपुर सरकार के कृषि विभाग ने इसकी प्रजाति को उन्नत बनाते हुए इसमें औषधीय गुणों और पोषक तत्वों की प्रचुरता वाले काले धान की किस्म इजाद की है। इससे निकलने वाला चावल सामान्य काले चावलों से ज्यादा गुणी है, इसलिए चाक हाओ की कीमत करीब 1800 रुपए प्रति किलो के आसपास है। अभी इसका व्यवसायिक उत्पादन उतना तेज नहीं हुआ है। वैसे सामान्य काले चावल की बाजार में कीमत भी 150 से 200 रुपए किलो के आसपास है। सरकार को उम्मीद है कि इसकी मांग देश-दुनिया के बाजार में तेजी से बढ़ेगी।

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