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लोगों के घरों में शरण लिए हुए हैं विश्व प्रसिद्ध एकसींग वाले गेंडे

(Assam News ) कल्पना कीजिए सुबह उठने पर यदि घर के अहाते में भीमकाय जंगली जानवर नजर आए तो कैसा महसूस होगा। एक बार तो डर के मारे (One horn rhino ) घिग्गी बंध जाएगी। कुछ ऐसा ही दृश्य उत्पन्न हो रहा है असम के काजीरंगा राष्ट्रीय उद्यान (Kaziranga national park ) के आस-पास बसे गांवों में। काजीरंगा में बाढ़ का पानी (Flood in Assam ) घुसने से विश्व धरोहर एकसींग वाले गेंडे बाढ़ से बचने के लिए गांवों की तरफ रुख कर रहे हैं।

गुवाहाटीJul 27, 2020 / 06:16 pm

Yogendra Yogi

लोगों के घरों में शरण लिए हुए हैं विश्व प्रसिद्ध एकसींग वाले गेंडे

लोगों के घरों में शरण लिए हुए हैं विश्व प्रसिद्ध एकसींग वाले गेंडे

गुवाहाटी(असम): (Assam News ) कल्पना कीजिए सुबह उठने पर यदि घर के अहाते में भीमकाय जंगली जानवर नजर आए तो कैसा महसूस होगा। एक बार तो डर के मारे (One horn rhino ) घिग्गी बंध जाएगी। कुछ ऐसा ही दृश्य उत्पन्न हो रहा है असम के काजीरंगा राष्ट्रीय उद्यान (Kaziranga national park ) के आस-पास बसे गांवों में। काजीरंगा में बाढ़ का पानी (Flood in Assam ) घुसने से विश्व धरोहर एक सींग वाले गेंडों सहित अन्य वन्यजीवों की आफत आ गई है। बाढ़ की विभीषिका ने मानव आबादी के साथ वन्यजीवों को भी चपेट में ले रखा है। एकसींग वाले गेंडे बाढ़ से बचने के लिए गांवों की तरफ रुख कर रहे हैं।

बगीचों व बरामदों में गेंडे
पोबीतोरा अभयारण्य के किनारे स्थित घरों का भी आजकल यही हाल है। वहां अधिकांश घरों के बगीचों या बरामदे में गैंडों ने शरण ली हुई है। इनमें से एक घर नृपेण नाथ का है. उनके घर के पिछले हिस्से में गैंडा आ गया है। वह उनके घर के बाथरूम से 30 फीट की दूरी पर एक तालाब में रह रहा है। वह कभी उनके बगीचे में सब्जी खाता है, कभी-कभी गैंडे उन्हें और उनकी दो बेटियों को भी घूरते हैं। इन सबके बावजूद नृपेण कहते हैं, ‘मुझे डर नहीं लगता, मैं जानवरों से प्यार करता हूं।’

गेडों ने नुकसान नहीं किया
हालांकि जब हफ्ते भर पहले नृपेण के घर के पास में गैंडे आ गए थे तो उनके माता पिता को काफी चिंता हो गई थी. उन्होंने नृपेण से कहा था कि घर पर बच्चे हैं, इन गैंडों को घर से दूर भगाओ नृपेण के अनुसार इन गैंडों ने उनके घर के पीछे घास खाने और एक बार वहां स्थित बैंबू शेड को नुकसान पहुंचाने के अलावा कभी उकसाने जैसा व्यवहार नहीं किया था।

कई घरों में गेंडों का ढेरा
असम के राजामायोंग गांव में सिर्फ नृपेण ही नहीं हैं, जिनके घर पर गैंडों का बसेरा है। उनके अलावा 70 साल की राधिका भी हैं, जिनके घर के आंगन में एक मादा गैंडा अपने बच्चे के साथ रह रही है। इसके कारण घर पर रहने वाले सभी लोगों को अधिकांश समय घर से बाहर रहना पड़ता है। उनका कहना है कि वे घर के बाहर स्थित बाथरूम भी कभी-कभी इस्तेमाल नहीं कर पाते हैं. पोबीतोरा अभयारण्य ब्रह्मपुत्र नदी के बाढ़ ग्रस्त मैदानों में बसा है। यह 27 गांवों से घिरा हुआ है। अब बाढ़ के कारण यहां से गैंडे निकलकर कई घरों में पहुंच गए हैं।

वन विभाग घास-चारा दे रहा है
अभयारण्य के कार्यालय क्षेत्रों के बाहर टहलते हुए अपने बच्चे के साथ एक महिला गैंडे का नजारा कईयों को मोहित कर सकता है लेकिन यह गंभीर मामला है। वन विभाग पहली बार, उन्हें बाहर से घास और चारा उपलब्ध करा रहा है। अभयारण्य में फंसे हुए गैंडों को चारा उपलब्ध कराने के लिए ताजी घास से भरी हुई नौकाओं को पार्क के अंदर के ऊंचे इलाकों में ले जाया गया। नेपियर घास और डोल घास जो पशु चिकित्सा विभाग द्वारा प्रदान की गई है, गैंडों के लिए एक आदर्श विकल्प नहीं हैं, लेकिन काम चलाना पड़ रहा है।

काजीरंगा जलमग्न
असम के मोरीगांव जिले में स्थित बाढ़-प्रभावित पोबितोरा वन्यजीव अभयारण्य से गैंडों का बाहर जाना कोई नई बात नहीं है। जबसे अभयारण्य का 95 प्रतिशत से अधिक बाढ़ के कारण पानी के भीतर जलमग्न हो जाता है, भोजन की कमी अभयारण्य में बढ़ गई है जो दुनिया में सबसे ज्यादा गैंडों के घनत्व का दावा करता है. वन्यजीव पार्क 2018 के अंत में की गई अंतिम गणना के अनुसार लगभग 102 एक सींग के गैंडों का घर है।

16 जिले बाढ़ प्रभावित
असम के काजीरंगा नेशनल पार्क और टाइगर रिजर्व, बोकाहाट में बाढ़ में डूबने और अन्य कारणों से अब तक 132 जानवरों की मौत हो गई। 16 बाढ़ प्रभावित जिलों में जिला प्रशासन 457 राहत शिविर और वितरण केंद्र चला रहा है, जहां 46,000 लोगों ने शरण ले रखी है। सैलाब की वजह से 1.12 लाख हेक्टेयर कृषि भूमि जलमग्न हो चुकी है।

14 गेंडों सहित सैकड़ों वन्यजीवों की मौत
इनमें 14 गैंडे, 5 जंगली भैंस, 8 जंगली सूअर, 2 दलदल हिरण, 98 हॉग हिरण, 1 सांभर, 3 पोरपाइन और 1 अजगर शामिल हैं। असम में बाढ़ की स्थिति भयावह बनी हुई है जहां रविवार को पांच और व्यक्ति की मौत हो गई और राज्य के 33 जिलों में से 23 जिलों में करीब 25 लाख लोग इससे प्रभावित हुए हैं। असम राज्य आपदा प्रबंधन प्राधिकरण (एएसडीएमए) द्वारा जारी बुलेटिन के मुताबिक बारपेटा के कलगछिया में दो, कोकराझार के कछुगांव में दो और मोरीगांव जिले के भुरागांव में एक व्यक्ति की मौत हो गई।

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