पार्टी के सहायक महासचिव मंगल देबबर्मा ने कहा कि हमने सभी पार्टियों के साथ बातचीत के लिए अपने दरवाजे खुले रखे हैं। भाजपा के साथ भी सीटों को लेकर बातचीत हो सकती है। लेकिन भाजपा ने एलान कर दिया है कि वह त्रिपुरा की दोनों लोकसभा सीटें अकेले लड़ेगी। भाजपा प्रवक्ता मृणाल कांति देब ने कहा कि पार्टी के त्रिपुरा प्रभारी सुनील देवधर ने स्पष्ट कर दिया है कि पार्टी त्रिपुरा पूर्व और त्रिपुरा पश्चिम से अकेले चुनाव लड़ेगी। देब का कहना था कि राज्य विधानसभा चुनाव के लिए हमने आईपीएफटी से गठबंधन किया था। लोकसभा का चुनाव अलग है। लोकसभा चुनाव हम अकेले लड़ेंगे। इससे क्या भाजपा के चुनावी परिदृश्य पर कोई प्रभाव पड़ेगा,इस सवाल पर देब का कहना था कि हमें त्रिपुरा के सभी श्रेणी के लोगों का समर्थन मिला है। यदि आईपीएफटी अलग से लोकसभा में चुनाव लड़ती है तो इससे हमें कोई नुकसान नहीं होगा।
मालूम हो कि त्रिपुरा में भाजपा ने आईपीएफटी से गठबंधन कर चुनाव लड़ा था। लेकिन भाजपा को अकेले बहुमत हासिल हो गया। बीच-बीच में दोनों के मध्य टकराव हुआ तो मुख्यमंत्री बिप्लब कुमार देब ने कह दिया कि वे साथ नहीं रहना चाहते हैं तो अलग हो सकते हैं। भाजपा को अपनी अपार सफलता के बाद लगने लगा है कि वह त्रिपुरा की लोकसभा की दोनों सीटें आसनी से हासिल कर लेगी।
उधर पत्रकार शांतनु भौमिक की हत्या के मामले में सीबीआई ने आईपीएफटी के तीन नेताओं के खिलाफ मामला दर्ज किया है। इससे भी भाजपा के साथ संबंध आईपीएफटी के खराब होने को है। आईपीएफटी ने अपने संगठन सचिव बलराम देबबर्मा को पार्टी विरोधी गतिविधियों के चलते निलंबित कर दिया है। इस मामले में आईपीएफटी के मंडलबाजार विधायक धीरेंद्र देबबर्मा और मंडल डिवीजनल कमेटी के अध्यक्ष अमित देबबर्मा भी आरोपी हैं।