मिली जानकारी के अनुसार गर्भवती महिला डोली गोस्वामी अपने पिता का श्राद्ध कर रविवार को स्पाइसजेट के विमान से वापस दिल्ली जा रही थी। बोर्डिंग पास लेकर जब वह सुरक्षा जांच के लिए व्हील चेयर से गई तो सुरक्षाकर्मियों ने उसे जाने से रोक लिया। सुरक्षा कर्मियों ने कहा कि गर्भवती होने का प्रमाण पत्र दें। तब महिला ने कहा कि कागजात बैगेज में हैं। पहले उसे फ्लाइट में जाने से रोका गया। बाद में बार-बार के अनुरोध पर उसे एक कमरे में ले जाया गया जहां सीआईएसएफ की महिला जवान ने उसके कपड़े खुलवाए और पेट पर दबाव देकर देखने की कोशिश की कि सही में महिला गर्भवती है या नहीं।
महिला के पति शिशिर शर्मा ने कहा कि एयरपोर्ट के डाक्टर यदि जांच करता तो समस्या नहीं थी। लेकिन एक महिला जवान कैसे इस तरह जांच कर सकती है कि कोई महिला गर्भवती है या नहीं। इसकी शिकायत सीआईएसएफ के शीर्ष अधिकारियों से की गई तो पहले उन्होंने कहा कि महिला जवान प्रशिक्षणरत थी इसलिए ऐसा हुआ। लेकिन बाद में सीआईएसएफ के स्थानीय कमाडेंट ने इसके लिए औपचारिक क्षमा मांगी। वहीं सीआईएसएफ के प्रवक्ता ने कहा कि सीआईएसएफ इस मामले की जांच कर उचित कार्रवाई करेगा।
उल्लेखनीय है कि गुवाहाटी एयरपोर्ट से तलाशी के दौरान तस्करी का काफी सामना मिलता है। कई बार सोने के बिस्कुट मलद्वार में ले जाते तस्कर पकड़े गए हैं। इसके लिए सीआईएसएफ के जवान कड़ाई के साथ तलाशी करते हैं। लेकिन वास्तव में एक गर्भवती महिला के साथ इस तरह का बर्ताव होने से पूरी सुरक्षा व्यवस्था पर सवालिया निशान लग गया है।