scriptअंबुवासी मेला:अयोध्या के साधु राम मंदिर के लिए कर रहे हैं प्रार्थना | the Sadhu of Ayodhya Praying for Ram Temple in ambuvasi mela | Patrika News

अंबुवासी मेला:अयोध्या के साधु राम मंदिर के लिए कर रहे हैं प्रार्थना

locationगुवाहाटीPublished: Jun 23, 2018 05:35:27 pm

Submitted by:

Prateek

मेले में शिरकत कर रहे साधु राम मंदिर के जल्द बनने के लिए माता से प्रार्थना कर रहे है उनका कहना है कि मां कामाख्या ही राम मंदिर बनने में जो कठिनाइयां है उन्हें दूर कर सकती है…

kamakhya tample

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राजीव कुमार की रिपोर्ट…

(गुवाहाटी): गुवाहाटी के नीलाचल की पहाड़ियों पर मां कामाख्या मंदिर में अंबुवासी मेले में अयोध्या से आए साधु शिरकत कर रहे हैं। वे मां कामाख्या के दरबार में प्रार्थना कर रहे हैं कि राम मंदिर बन जाए। साधुओं ने बातचीत में बताया कि वे मां कामाख्या से प्रार्थना कर रहे है कि इस विवाद का जल्द समाधान निकल आए ताकि वहां जल्द से जल्द मंदिर बन सके।


मंदिर बनने में है जो कठिनाइयां मां ही कर सकती है दूर


अयोध्या के हनुमानगढ़ी के महंत धर्मदास महाराज ने कहा कि वे मां का आर्शीवाद पाने आए हैं। साथ ही देश में शांति और भाईचारा बना रहे इसकी प्रार्थना कर रहे हैं। महाराज ने साथ ही कहा कि वे राम मंदिर के जल्द बनने की प्रार्थना भी कर रहे हैं। मां कामाख्या ही राम मंदिर बनने में जो कठिनाइयां है उन्हें दूर कर सकती है। हम आए सभी साधु राम मंदिर के जल्द बनने की प्रार्थना कर रहे हैं।

 

अखाड़े चाहते है की जल्द बने मंदिर

ऐसा ही कुछ विचार जूनागढ़ अखाडे के प्रमुख महंत प्रेम गिरि का था। अखाड़ा परिषद के महंत गिरि और निरंजन अखाड़ा के महंत नरेंद्र गिरि ने भी कुछ इसी तरह के विचार व्यक्त किए। प्रेमगिरि का कहना था कि सभी अखाड़े और सरकार चाहती है कि मंदिर जल्द से जल्द बने। यह राम की पवित्र भूमि है।

 

सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम

पिछली साल मेले में 25 लाख श्रद्धालु आए थे। इस बार सरकार को उम्मीद है कि यह संख्या बढेगी। पुलिस प्रशासन ने सुरक्षा के व्यापक इंतजाम किए हैं। कामाख्या को शक्तिपीठ भी कहा जाता है। इसलिए अंबुवासी मेले के दौरान देश विदेश से अनेक श्रद्धालु आए हैं। शुक्रवार की रात 9.27 बजे प्रवृति के साथ ही मंदिर के कपाट बंद हुए थे। अब 26 जून की सुबह 7.51 बजे कपाट खुलेंगे। मालूम हो कि असम के मुख्यमंत्री सर्वानंद सोनोवाल ने मेले का उद्घाटन किया था। मेला मां कामाख्या के रजस्वाला होने के पर मंदिर के कपाट बंद होने के दौरान आयोजित किया जाता है।

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