180 सदस्यों का एक साथ निवास
जियोना के घर को नई पीढ़ी का चहूअंथर रन या हवेली कहा जाता है। फिलहाल इस घर में 180 लोग रहते हैं। जियोना की पत्नी के अलावा उसके बच्चे और उनके बच्चे चार मंजिले भवन में रहते हैं। जन्म के बाद से उसके 10 बच्चे मर चुके हैं। इस घर में बहूएं, पौते-पौत्रियां रहती हैं। जियोना की एक पत्नी ने बताया कि कुछ बेटियां और पड़पौतियां गांव छोड़कर अन्यत्र विवाह कर चली गई है। इनमें अधिकांश एजल में रहती है। ये शादी के बाद भी धार्मिक विश्वास को बनाए रख रही हैं। चना पावला संप्रदाय को असल में खुआंगतुहा ने खुआंगतुहा पावल नाम से शुरु किया था। यह 1940 की बात है। प्रेस्बिटेरियन गिरजाघर के नेताओं के अनुरोध पर लुसाई हिल्स के ब्रिटिश प्रशासकों ने इस संप्रदाय के सदस्यों को बरतावंग इलाके से खदेड़ दिया था। तब संप्रदाय के लोग हमांगकावन गांव में चले आए।
पहली 15 तो अंतिम शादी 60 साल में
खुआंगतुहा की मौत के बाद उसके युवा भाई चना ने इसका नेतृत्व संभाला। चना की मौत के बाद संप्रदाय का नेतृत्व चना के भाई जियोना ने संभाला। उसके समर्थक जियोना को होतुपा(नेता) कहकर बुलाते हैं। उसका जन्म 21 जुलाई 1944 को हुआ था। उसने अपनी पहली पत्नी जथियांगी से 1959 में शादी की थी। तब जियोना की उम्र सिर्फ 15 साल थी। उसने दूसरी पत्नी के साथ 1968 में 24 साल की उम्र में शादी की। उसने अंतिम शादी 2004 में की। तब जियोना की उम्र 60 साल थी जबकि पत्नी 25 साल की थी। जियोना के बड़े बेटे ननपरलियाना की उम्र फिलहाल 58 साल है। उसकी दो पत्नियां और 13 बच्चे हैं। जियोना अपनी 38 पत्नियों को दो कमरे में रखता है जबकि उसका बड़ा बेटा अपनी दोनो पत्नियों को एक ही कमरे में रखता है।