scriptबड़ी खबर : तैरना नहीं आता था पर छोटे को डूबता देख बड़ा भाई भी कूदा,चार की मौत | four boy death in ganesh visarjan gwalior | Patrika News

बड़ी खबर : तैरना नहीं आता था पर छोटे को डूबता देख बड़ा भाई भी कूदा,चार की मौत

locationग्वालियरPublished: Sep 21, 2018 01:28:22 pm

Submitted by:

monu sahu

बड़ी खबर : तैरना नहीं आता था पर छोटे को डूबता देख बड़ा भाई भी कूदा,चार की मौत

death body

बड़ी खबर : तैरना नहीं आता था पर छोटे को डूबता देख बड़ा भाई भी कूदा,चार की मौत

ग्वालियर। महाराजपुरा गांव के पास गुरुवार को अवैध मुरम की खदान में सतीश, सूरज, अजय बघेल और शिवम गौड़ की डूबकर मौत से गांव मातम में डूब गया। सूरज और सतीश की मां पुष्पा बघेल बेसुध थीं। पति की मौत के बाद तीन बेटे ही उनका सहारा थे। बड़ा बेटा सूरज (17) पुट्टी का काम कर घर की गुजर बसर करता था। तैरना नहीं जानने के बावजूद छोटे भाई सतीश को डूबता देख वह पानी में कूद गया, लेकिन वह भी डूब गया। उनके चबूतरे पर ढांढस बंधाने वालों की भीड़ थी।
लेकिन पुष्पा उनके जेठ कल्याण और पड़ोसी दयाराम गौड़ को क्या दिलासा दें, उनके दुख में शामिल पड़ोसियों को समझ नहीं आ रहा था। लोग कभी खदान को कोस रहे थे, लोग नहीं समझ पा रहे थे आखिर ८-१० फीट गहरी दिखने वाली खदान चार लडक़ों को कैसे लील गई। ऐसा क्या हुआ जो बच्चे में उसमें समाते चले गए।
गांव की टोली जब गणपति लेकर खदान पर पहुंची थी तब उसमें बच्चे कूदकर तैर रहे थे। किसी को यहां खतरे का आभास नहीं था। लल्ला तोमर ने बताया ऑटो से प्रतिमा को सात बच्चे उतार कर पानी में उतरे थे। उनमें चार बीच पानी तक पहुंचने से पहले बाहर निकल आए। सतीश, अजय और शिवम ही प्रतिमा को लेकर बीच में गए थे। सतीश ने पहले गोते खाए। लेकिन समझ में नहीं आया कि वह डूब रहा है। तीनो चीखे, हमें बचाओ, डूब रहे हैं तब तक सतीश पानी में समा चुका था।
पिलर के लिए खोदे गड्ढे में समा गए
छोटू निवासी महाराजपुरा गांव के मुताबिक इस खदान से मुरम की अवैध खुदाई होती रही है। कुछ समय पहले यहां पहाडी पर बनी इमारत के लिए भी मुरम इसी खदान से खोदी गई थी। तब खदान में कुछ गहरे गडढ़े इस तरीके से खोदे गए थे कि उनमें पिलर खड़े करने हों। चारों लडक़ों के शव इन्हीं गडढ़ों में फंसे मिले हैं।
पैर फिसल रहे थे, पानी खींच रहा था
चारों को डूबते देखकर उन्हें बचाने के लिए पानी में कूदा था, लेकिन खदान के अंदर जमीन पर पैर फिसल रहे थे। ऐसा लग रहा था कि पानी नीचे की तरफ खींच रहा है। मदद के लिए शोर मचाया तो दो राहगीर भी वाहन खड़ा कर खदान में कूदे लेकिन वह भी मदद नहीं कर सके। बीच पानी में आने से पहले वापस लौट गए।
साथियों को बचाने के लिए बाहर खड़े लोगों ने बेल्ट और साफी बांध कर पानी में फेंकी जिसे पकड़ कर वह बाहर आ सके। लेकिन वह बीच पानी तक नहीं पहुंच सकी। ऐसा लगा कि डूब जाऊंगा तो किसी तरह बाहर निकल कर खदान के पास पड़े सरिये को सतीश अजय, शिवम और सूरज तक बढ़ाने की कोशिश की। लेकिन कोई भी सरिया नहीं पकड़ सका।
जैसा कि दोस्तों को बचाने के लिए खदान में कूदे लल्ला तोमर ने पत्रिका को बताया
वीडियो में दिखा घटनाक्रम
गांव से गणेश प्रतिमा को लेकर निकले लडक़े मस्ती में थे। गांव से खदान तक रास्ते का वीडियो बनाया। खदान में प्रतिमा को ले जाते समय भी कुछ लोग उसकी मोबाइल से रिकार्डिंग कर रहे थे। इसमें दिख रहा है कि प्रतिमा लेकर पानी में उतरी लडक़ों की टोली निश्चिंत थी।
खदान के बाहर खड़े उनके साथी भी हादसे से बेखबर थे। बीच पानी में पहुंचने पर सतीश, अजय और शिवम अचानक पानी में समाए हैं। इसमें सतीश ने बचने के लिए तैरने की कोशिश भी की लेकिन कुछ देर ही हाथ पांव चला सका। उसके साथी अजय और शिवम खदान के बाहर खडे साथियों से जान बचाने के लिए चीखते दिखे हैं।
loksabha entry point

ट्रेंडिंग वीडियो