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Electricity still not reached in Shatabdiram, residents worried

locationग्वालियरPublished: Aug 07, 2019 06:15:24 pm

Submitted by:

Parmanand Prajapati

शताब्दीपुरम में अब तक नहीं पहुंची बिजली, रहवासी परेशान

शताब्दीपुरम में अब तक नहीं पहुंची बिजली, रहवासी परेशान

Electricity still not reached in Shatabdiram, residents worried

ग्वालियर विकास प्राधिकरण की शताब्दीपुरम योजना में प्लॉट लेकर मकान बनाने लोगों को आज भी बिजली नहीं मिल पाई है। बीस साल पहले जीडीए ने शताब्दीपुरम में बसाहट के लिए प्लॉट हितग्राहियों को दिए थे। उस समय काफी संख्या में लोगों ने प्लॉट खरीद लिए, लेकिन क्षेत्र में जंगल होने के कारण काफी समय तक मकान नहीं बनाए। जब बसाहट होने लगी तो लोगों ने घर बनाना शुरू किया। अब लगभग 150 से अधिक लोग यहां मकान बनाकर रहने लगे हैं, लेकिन बिजली नहीं होने से लोगों को लगभग आधा किलोमीटर दूर से तार डालकर बिजली लेनी पड़ रही है। बिजली कंपनी घरों तक बिजली तो नहीं पहुंचा पा रही है, लेकिन हर महीने बिल जरूर दे रही है।

शताब्दीपुरम के ब्लॉक डी और जी में स्थिति बहुत खराब है। यहां रहने वाले लोगों ने जीडीए एवं बिजली कंपनी के अधिकारियों को बिजली की व्यवस्था करने के लिए कई बार गुहार लगाई, लेकिन अभी तक व्यवस्था नहीं की गई है। इससे अब लोग परेशान होने लगे हैं। यहां रहने वाले लोगों का कहना है कि हम लोग जीडीए अधिकारियों के चक्कर लगाकर परेशान हो चुके हैं, कोई सुनवाई नहीं होती है। जीडीए और बिजली कंपनी के अधिकारियों के बीच में तालमेल नहीं है। लोगों को काफी दूर से डीपी से तार डालकर बिजली जलानी पड़ रही है। जरा सी हवा चलने पर बिजली के तार डीपी से गिर जाते हैं। ऐसे में लोगों को काफी परेशानी आती है। एक-एक डीपी से कई घरों के लिए तार डाले गए हैं, जिससे हमेशा हादसे की आशंका बनी रहती है।
लोग काट ले गए बिजली के खंभे

जीडीए ने 1993 में इस क्षेत्र में कई ब्लॉक में बिजली के लिए खंभे लगवाए थे, लेकिन जब काफी समय तक क्षेत्र में बसाहट नहीं हुई तो अधिकांश बिजली के खंभों को आसपास के असामाजिक तत्व काटकर ले गए। जब लोग यहां रहने पहुंचे तो खंभे कटे मिले, जिससे बिजली आना संभव नहीं थी। आज भी यहां पर बिजली के कई खंभे कटे हुए हैं। बाद में बिजली कंपनी ने कुछ स्थानों पर दूसरे खंभे लगा दिए और वहां पर बिजली के तार भी डाल दिए हैं, लेकिन लोगों के घरों बिजली के कनेक्शन नहीं हो पाए हैं। इससे लोगों को अभी भी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है। सबसे बड़ी परेशानी यह आ रही है कि यहां पर बिजली कंपनी बिजली का बिल तो पूरा दे रही है, लेकिन व्यवस्थाओं के नाम पर कुछ नहीं दी है।
किससे करें फरियाद कोई सुनने वाला नहीं
-शताब्दीपुरम में संपत्ति खरीदकर हम परेशान हो गए हैं। जीडीए ने जो वादे किए थे वह पूरे नहीं किए, इसलिए हम लोग आज तक परेशान हो रहे हैं।
विवेक जादौन, क्षेत्रीय निवासी

-हम लोगों ने अपनी समस्याओं को लेकर कई बार जीडीए के साथ बिजली कंपनी के अधिकारियों से शिकायत की, लेकिन समस्या जस की तस बनी हुई है।
बीएस परिहार, क्षेत्रीय निवासी


– बिजली न मिलने के कारण लगभग आधा किलोमीटर दूर से तार डाले हैं, इसमें हमें काफी परेशानी आती है। जबकि पैसा बिजली कंपनी को हम पूरा देते हैं।
राजू राव, क्षेत्रीय निवासी

-जिदंगीभर की कमाई लगाकर हम लोगों ने यहां पर प्लॉट खरीदा है। हमने यहां मकान बनाकर लगता है गलती कर दी है। जीडीए दस साल बाद भी यहां बिजली नहीं उपलब्ध करा पाई है।
अरुण सिंह, क्षेत्रीय निवासी

-शताब्दीपुरम की बसाहट के समय हमने वर्ष १९९३ में बिजली के खंभे लगाकर बिजली कंपनी को हेंडओवर कर दिए थे। उसके बाद बिजली कंपनी की जिम्मेदारी थी कि इस क्षेत्र में लोगों को बिजली पहुंचाए। अब बिजली कंपनी को ही यहां पर इसकी पूरी व्यवस्था करनी है।
सुभाष सक्सेना, प्रभारी कार्यपालन यंत्री जीडीए
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