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राज्यसभा सदस्य ज्योतिरादित्य सिंधिया रविवार रात को सड़क मार्ग से दिल्ली से ग्वालियर आए हैं। सिंधिया के काफिले में उनके अलावा एक और वाहन भी साथ था। मुरैना पुलिस सिंधिया और उनके साथ चल रही दूसरी गाड़ी को सुरक्षा में निरावली तक आई। उसके आगे की जिम्मेदारी ग्वालियर पुलिस की थी। इसके लिए पुलिस लाइन से पायलट और फॉलो वाहन उनके ग्वालियर पहुंचने से पहले निरावली पर पहुंच गए, लेकिन जब सिंधिया का वाहन निरावली पहुंचा तो मुरैना पुलिस की टीम से ग्वालियर पुलिस की पायलट टीम का तालमेल नहीं बैठ पाया।
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सिंधिया के वाहन के रंग की ही दूसरी गाड़ी हाईवे पर आ गई, तो सुरक्षाकर्मी गफलत में आ गए। ग्वालियर की टीम सिंधिया का वाहन छोड़ दूसरे वाहन के आगे-आगे दौड़ने लगी। कुछ मिनट बाद पायलट और फालोटीम को जब पता चला कि वे गलत गाड़ी की पायलटिंग कर रहे, तब तक सिंधिया का वाहन काफी आगे निकल गया था। तब तक पायलट और फॉलो टीम भटक गई।
हजीरा पुलिस ने संभाला मोर्चा
सिंधिया का वाहन बगैर पायलट और फालो गाड़ी के गुजरा तो वहां तैनात हजीरा पुलिस ने मोर्चा संभाल लिया। हजीरा टीआई आलोक परिहार और उनकी टीम की नजर सिंधिया की गाड़ी पर पड़ी तो वे भी हैरान हो गए। जब पायलट और फालो वाहन नहीं दिखा तो परिवाह ने उनके वाहन की पायलटिंग संभाल ली। वे जयविलास पैलेस तक आगे-आगे गए।
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पुलिस विभाग में खलबली
बगैर पायलट और फालो वाहन के बारे में जब पुलिस महकमे को पता चला तो खलबली मच गई। इसके बाद बड़े अफसर भी सिंधिया के महल पहुंच गए थे। गौरतलब है कि 12 जून को भी सिंधिया ग्वालियर दौरे पर थे। जब वे दिल्ली जा रहे थे तभी गोला का मंदिर में एनएसयूआई के कार्यकर्ताओं ने उनकी चलती कार को रोक दिया था और जबरन ज्ञापन सौंपा था।