नागपुर मे नेशनल फायर सर्विस कॉलेज है जहां पूरी ट्रेनिग दी जाती है। जिसमें स्टेशन फायर ऑफिसर, सब फायर ऑफिसर, डिवीजल फायर अधिकारी की छह-छह महीने की ट्रेनिग होती है। उस ट्रैंड व्यक्ति को मालूम रहता है कि आगजनी के हालात में क्या कदम उठाने चाहिए। लेकिन यहां तो न के बराबर ही ट्रैनिग किए हुए लोग है। सिर्फ असिस्टेंड फायर ऑफिसर उमंग प्रधान ही प्रशिक्षित हैं।
फायर ब्रिगेड के पास वर्तमान में 18 वाहन है। जिसमें बाइक और शव वाहिका भी शामिल है। इनमें से करीब पांच-छह वाहन खराब है। अगर एक साथ चार जगह आगजनी हो जाए तो फायर अमले का मुश्किले पड़ जाए। कई वाहन तो कंडम हो चुके है। सूत्रों की मानें तो रख रखाव का ध्यान नहीं दिया जाता। जबकि नियम है कि ड्यूटी चेंज होने पर चैक होना चाहिए कि वाहन मे क्या-क्या कमी है। साथ ही यह भी चैक होना चाहिए कि जो गाड़ी खड़ी है उनमें पानी मौजूद है या नहीं।
फायर ब्रिगेड के कर्मचारी अगर कोई अप्रशिक्षित हैं तो उन्हें ट्रेंड किया जाएगा। वैसे समय समय पर सभी को ट्रेनिंग दी जाती है।
संदीप माकिन, निगमायुक्त