वन विभाग के अमले पर गोली चलाने की वारदात के बाद अब लखनपुरा, तिघरा, डांढ़ा खिरक के लोग भी पत्थर चोरी के धंधे के राज खोल रहे हैं। गांव वालों का कहना है कि पिछले कुछ दिनों से मुरैना के पत्थर चोरों का इलाके में मूवमेंट बढ़ा है। अवैध उत्खनन का कारोबार स्थानीय लोगों, पुलिस और वन विभाग की सांठगांठ से चलता है। पत्थर चोर की लेबर दिन में जंगल में अवैध पत्थर खोदती है, रात को चोर ट्रैक्टर-ट्रॉली, ट्रक से उसे ढोहते हैं। उनके गुजरने के रास्ते पुलिस और वन विभाग को भी पता हैं।
खदान से चोरी का पत्थर ठिकाने तक पहुंचाने के लिए कई गाडिय़ां रात में एक साथ चलती हैं। रास्ते में कोई रुकावट नहीं है, इसका पता लगाने के लिए उनकी टीम के मेंबर बाइक से रैकी करते हैं। जहां सांठगांठ है, वहां इन्हें खुटका नहीं रहता। जिस जगह पर फंसने का डर होता है वहां बाइक सवार मुखबिर पत्थर चोरों को फोन कर अलर्ट होने का इशारा करते हैं।
वन विभाग की टीम पर गोली चलाने वाले ६ हमलावरों और एक ट्रैक्टर मालिक की पहचान हो गई है। दूसरे ट्रैक्टर के मालिक का नाम भी सामने आया है, लेकिन उसे लेकर संशय है। आरोपियों पर केस दर्ज किया गया है, पुलिस उन्हें पकडऩे की कोशिश में जुटी है।
डॉ. एए अंसारी, डीएफओ ग्वालियर
वन विभाग के अमले पर हमला करने वालों पर केस दर्ज किया है। आरोपियों की पहचान कर तलाश की जाएगी। कुछ संदेहियों के नाम सामने आए हैं।
मनीष डाबर, थाना प्रभारी तिघरा