ग्वालियर-चंबल संभाग के गुना, शिवपुरी, अशोकनगर, श्योपुर, मुरैना, भिंड, दतिया जिलों के 40 हजार से अधिक छात्र-छात्राएं जीवाजी विश्वविद्यालय से संबद्ध कॉलेजों में हर साल परीक्षा देते हैं। इसके बाद अंकसूची, परीक्षा फॉर्म और नामांकन आदि कराने के लिए छात्रों को प्रशासनिक भवन आना पड़ता है।
कॉपियां देखने, संशोधन कराने सहित अन्य कामों के लिए छात्रों से कम से कम 150 रुपए वसूले जाते हैं। इसमें 40 रुपए एमपी ऑनलाइन को मिलते हैं, 70 रुपए विवि को मिलते हैं, जबकि 70 रुपए संबंधित कॉलेज का हिस्सा रहता है। यह शुल्क परीक्षा आवेदन और सेमेस्टर फीस के अलावा है।
विभाग के मुखिया को परीक्षा नियंत्रक बना दिया गया, जिससे वे अपना मूल काम जिम्मेदारी से नहीं कर पाए और पाठ्यक्रमों का संचालन सही तरीके से नहीं हो सका।
समय पर यूजीसी के मानकों पर आधारित औपचारिकताएं पूरी नहीं करवाई गईं, जिसकी वजह से विश्वविद्यालय अनुदान आयोग ने कोर्सों को मान्यता देने से मना कर दिया।