इस फोर्स में अब महिलाएं भी शामिल होकर देश की सुरक्षा कर रही है। मां भवानी ग्रुप में 5 हजार महिलाएं हैं और देश के उन दुगर्म स्थलों पर तैनात हैं जहां जीवन बेहद कठिन है। यह बात गुरूवार को बीएसएफ महानिदेशक डा. एमएमल थाउसेन ने टेकनपुर अकादमी के वीरांगना लक्ष्मीबाई परेड मैदान पर बैच 13 के उपनिरीक्षकों के प्रशिक्षण के समापन के अवसर पर कही। इस बैच में 221 उपनिरीक्षण पास आऊट हुए। इनमें 11 महिलाएं शामिल हैं।
टेकनपुर बीएसएफ में गुरूवार को जश्न का माहौल था, 221 उपनिरीक्षक और उनके परिजन के चेहरे पर जीत की खुशी थी। क्योंकि 28 हफ्तों के कठिन प्रशिक्षण के बाद यह उपनिरीक्षक बार्डर सिक्योरिटी फोर्स का अंग बनने जा रहे थे। सुबह बीएसएफ के महानिदेशक डा. एमएल थाउसेन भी अकादमी के परेड ग्राउंड पर पहुंच गए और परेड समारोह में प्रशिक्षु उपनिरीक्षकों को देश के संविधान के प्रति एकता ,अखंडता और संप्रभुता को बनाए रखने की शपथ दिलाई।
28 हफ्ते कड़ी ट््रेनिंग
बीएसएफ में शामिल प्रशिक्षु उपनिरीक्षकों को 28 हफ्ते का कठिन प्रशिक्षण दिया गया। इसमें ड््िरल, निशानेबाजी, युद्ध कौशल, बिना हथियार के लडऩे की कला, विधि व कानून मानव अधिकार अधिनियम, पुलिस की रोजमर्रा की कार्रवाई, मैप रीडिंग, आपदा प्रबंधन, देश की सीमाओं की निगरानी, आतंकवादियों से लडऩे का तरीका, वाहन चलाना, तैराकी, घुडसवारी और एडवेंचर ट््रेनिंग के गुर सिखाए गए।
सच हुआ सपना, रंग लाई मेहनत
बीएसएफ ज्वाइन करना शुरू से सपना था। इसलिए पढाई पूरी कर बीएसएफ में एप्लाई किया। शुरूआत कांस्टेबिल की नौकरी से की। लेकिन तमन्ना कंधे पर सितारे होने की थी, इसलिए लग्न से जुटी रही। नौकरी के साथ एक्जाम की तैयारी की। डिपार्टमेंटल टेस्ट दिया मेहनत रंग लाई। उपनिरीक्षक में चयन हो गया, तो यहां प्रशिक्षण के लिए आए। 28 हफ्तों का की कडी ट््रेनिंग पूरी होने के साथ सपना भी सच हो गया।
प्रशिक्षु उपनिरीक्षक अनु, निवासी आसाम
बीएसएफ का अंग बनने पर गर्व
पहले यह पता नहीं था कि बेल्ट फोर्स की नौकरी क्या होती है। पढाई पूरी हुई तो एक्जाम दिया। सिलेक्शन हो गया। तपा देने वाली ट््रेनिंग पूरी हुई। अब बीएसएफ का हिस्सा बने हैं तो अपने ऊपर गर्व भी होता है, कि देश की सुरक्षा करने का जिम्मा मिला है। यह भी मानते हैं कि महिलाएं भी किसी से कम नहीं है।
प्र. उपनिरीक्षक आरती निवासी दिल्ली
फोर्स ज्वाइन करने की हसरत
फोर्स की नौकरी करने की तमन्ना शुरू से थी। हालांकि परिवार का बैकग्राउंड अलग रहा है। अपने सपने को सच करने के लिए उसे लक्ष्य बनाकर तैयारी की। एक्जाम दिया। बीएसएफ उपनिरीक्षक की परीक्षा पास की। अब ट््रेनिंग भी पूरी हुई तो हसरत पूरी होने की खुशी है।
सर्वोत्त प्रशिक्षु उपनिरीक्षक अंकित कुमार निवासी सहारनपुर यूपी
टेकनपुर बीएसएफ में गुरूवार को जश्न का माहौल था, 221 उपनिरीक्षक और उनके परिजन के चेहरे पर जीत की खुशी थी। क्योंकि 28 हफ्तों के कठिन प्रशिक्षण के बाद यह उपनिरीक्षक बार्डर सिक्योरिटी फोर्स का अंग बनने जा रहे थे। सुबह बीएसएफ के महानिदेशक डा. एमएल थाउसेन भी अकादमी के परेड ग्राउंड पर पहुंच गए और परेड समारोह में प्रशिक्षु उपनिरीक्षकों को देश के संविधान के प्रति एकता ,अखंडता और संप्रभुता को बनाए रखने की शपथ दिलाई।
28 हफ्ते कड़ी ट््रेनिंग
बीएसएफ में शामिल प्रशिक्षु उपनिरीक्षकों को 28 हफ्ते का कठिन प्रशिक्षण दिया गया। इसमें ड््िरल, निशानेबाजी, युद्ध कौशल, बिना हथियार के लडऩे की कला, विधि व कानून मानव अधिकार अधिनियम, पुलिस की रोजमर्रा की कार्रवाई, मैप रीडिंग, आपदा प्रबंधन, देश की सीमाओं की निगरानी, आतंकवादियों से लडऩे का तरीका, वाहन चलाना, तैराकी, घुडसवारी और एडवेंचर ट््रेनिंग के गुर सिखाए गए।
सच हुआ सपना, रंग लाई मेहनत
बीएसएफ ज्वाइन करना शुरू से सपना था। इसलिए पढाई पूरी कर बीएसएफ में एप्लाई किया। शुरूआत कांस्टेबिल की नौकरी से की। लेकिन तमन्ना कंधे पर सितारे होने की थी, इसलिए लग्न से जुटी रही। नौकरी के साथ एक्जाम की तैयारी की। डिपार्टमेंटल टेस्ट दिया मेहनत रंग लाई। उपनिरीक्षक में चयन हो गया, तो यहां प्रशिक्षण के लिए आए। 28 हफ्तों का की कडी ट््रेनिंग पूरी होने के साथ सपना भी सच हो गया।
प्रशिक्षु उपनिरीक्षक अनु, निवासी आसाम
बीएसएफ का अंग बनने पर गर्व
पहले यह पता नहीं था कि बेल्ट फोर्स की नौकरी क्या होती है। पढाई पूरी हुई तो एक्जाम दिया। सिलेक्शन हो गया। तपा देने वाली ट््रेनिंग पूरी हुई। अब बीएसएफ का हिस्सा बने हैं तो अपने ऊपर गर्व भी होता है, कि देश की सुरक्षा करने का जिम्मा मिला है। यह भी मानते हैं कि महिलाएं भी किसी से कम नहीं है।
प्र. उपनिरीक्षक आरती निवासी दिल्ली
फोर्स ज्वाइन करने की हसरत
फोर्स की नौकरी करने की तमन्ना शुरू से थी। हालांकि परिवार का बैकग्राउंड अलग रहा है। अपने सपने को सच करने के लिए उसे लक्ष्य बनाकर तैयारी की। एक्जाम दिया। बीएसएफ उपनिरीक्षक की परीक्षा पास की। अब ट््रेनिंग भी पूरी हुई तो हसरत पूरी होने की खुशी है।
सर्वोत्त प्रशिक्षु उपनिरीक्षक अंकित कुमार निवासी सहारनपुर यूपी