हिमाचल प्रदेश के स्वास्थ्य विभाग ने अपने अस्पतालों में काम कर रहे करीब ढाई हजार नर्सिंग स्टाफ को इलाज में गंभीर लापरवाहियां बरतने पर अयोग्य घोषित कर इसकी जांच स्टेट विजिलेंस एंड एंटीकरेप्शन ब्यूरो हिमाचल प्रदेश को सौंप दी है। साथ ही जीवाजी यूनिवर्सिटी (जेयू) कुलपति प्रो.संगीता शुक्ला को पत्र लिखकर पिछले दो सत्रों २०१४-१५, २०१५-१६ के करीब पांच हजार छात्रों की हाजिरी का रिकॉर्ड मांगा है।
लेटर मिलते ही कुलपति प्रो.शुक्ला ने मामले पर कार्रवाई के लिए डीसीडीसी प्रो.डीडी अग्रवाल को जिम्मेदारी सौंपी है। प्रो.अग्रवाल ने तुरंत सभी नर्सिंग कॉलेजों को जानकारी एक सप्ताह के अंदर देने के निर्देश दिए हैं, ताकि हिमाचल स्वास्थ्य विभाग को जल्द डेटा भेजा जा सके। हिमाचल से भोपाल की बरकतउल्ला यूनिवर्सिटी को भी नर्सिंग छात्रों के डाटा की जानकारी देने को लेटर जारी किया गया है।
ऐसे आए पकड़ में
ये छात्र अस्पतालों में इलाज के दौरान बरती गई गंभीर लापरवाहियों के बाद गिरफ्त में आए। शिकायत पर हिमाचल स्वास्थ्य विभाग ने की जांच शुरू की और इन छात्रों की हाजिरी का ब्यौरा जीवाजी विश्वविद्यालय से मांगा गया।
कुलपति ने बंद करा दी थी नकल
नर्सिंग में इस फर्जी वाड़े की भनक लगते ही करीब दो वर्ष पहले कुलपति प्रो. संगीता शुक्ला ने नर्सिंग कॉलेजों में होने वाली सभी परीक्षाएं जेयू के परीक्षा भवन में कराने के निर्देश दिए थे। जिसका कॉलेज संचालकों के साथ जेयू के कुछ अधिकारियों ने भी विरोध किया था, लेकिन सफल नहीं हो सके थे।
“हिमाचल प्रदेश के स्वास्थ्य विभाग ने हमसे दो सत्रों के नर्सिंग छात्रों की हाजिरी का डाटा मांगा है। वहां इस फर्जीवाड़े की जांच स्टेट विजिलेंस एंड एंटीकरेप्शन ब्यूरो हिमाचल कर रहा है।”
प्रो.डीडी अग्रवाल, डीसीडीसी,जेयू