ग्वालियर

३ हजार से अधिक सफाईकर्मी फिर भी शहर गंदा

शहर में नगर निगम द्वारा ३ हजार से अधिक सफाईकर्मी सफाई में जुटे होने का दावा किया जा रहा है लेकिन हकीकत कुछ और ही है। शहर में जहां देखों वहां गंदगी के ढेर लगे हुए हैं, निगम अधिकारी अभी तक नींद में हैं। अगर यही हाल रहा तो जनवरी में आने वाली स्वच्छता सर्वेक्षण की रैंकिंग में एक बार फिर से शहर को मुंह की खाना पड़ेगी।

ग्वालियरNov 12, 2019 / 09:32 pm

Vikash Tripathi

३ हजार से अधिक सफाईकर्मी फिर भी शहर गंदा,३ हजार से अधिक सफाईकर्मी फिर भी शहर गंदा


शहर की सफाई व्यवस्था ढर्रे पर नहीं आ रही है जबकि निगम द्वारा एक साल में १०० करोड़ का बजट सफाई पर खर्च किया जाता है। इसके बावजूद सफाई दिखाई नहीं देती है। यही कारण है कि गत वर्ष की स्वच्छता रैंकिंग में शहर ५९वें पायदान पर आया था। इस बार भी स्वच्छता रैंकिंग में तीन तिमाही में से आखिरी डेढ़ महीने ही बचे हैं। अभी भी सफाई व्यवस्था बदहाल है। कॉलोनियों में जहां तहां कचरे के ढेर लगे हैं। घरों से कचरा कलेक्शन भी सही ढंग से नहीं हो रहा है। मुरार, डीडी नगर, आनंद नगर सहित कई ऐसे क्षेत्र हैं जहां अक्सर गाडिय़ां नहीं पहुंचती हैं, जिसके कारण लोग घरों का कचरा बाहर डालने को मजबूर हो जाते हैं।

फील्ड में नहीं जाते कर्मचारी
नगर निगम में आउटसोर्स कर्मचारियों के नाम पर बड़ा फर्जीवाड़ा चल रहा है। इसका खुलासा गत दिवस हुआ है जिसमें ८ कर्मचारी जो कि कभी थे ही नहीं उनका वेतन १ साल से अधिक समय से निकल रहा है। सूत्रों की मानें तो यह सिर्फ एक मामला नहीं है इस तरह के कई मामले सामने आ सकते हैं, लेकिन अधिकारी इसमें दिलचस्पी ही नहीं दिखाते हैं। अगर जिम्मेदार अधिकारी सही ढंग से मॉनिटरिंग करें तो इस तरह का कोई फर्जीवाड़ा नहीं हो सकता और कर्मचारी फील्ड में भी दिखाई देंगे। मॉनिटरिंग की बात करें तो इन कर्मचारियों के ऊपर वार्ड हेल्थ ऑफिसर होता है इसके बाद क्षेत्रीय अधिकारी और सहायक स्वास्थ्य अधिकारी की जिम्मेदारी होती है।
वहीं अधिकारियों की बात की जाए तो इसमें स्वास्थ्य अधिकारी, स्वास्थ्य उपायुक्त भी जिम्मेदार होते हैं लेकिन यह लोग सही ढंग से मॉनिटरिंग ही नहीं करते। जिसके कारण निचले स्तर पर लोग फायदा उठाते हैं। दरअसल सफाईकर्मी सुबह ६ से ७ बजे तक एकत्रित होते हैं और अधिकारी सुबह निरीक्षण पर ही नहीं पहुंचते। जिसके कारण व्यवस्था सुधरने के बजाए बिगड़ रही है।
फर्जीवाड़ा पकड़ा तो जागा निगम
आउटसोर्स कर्मचारियों के नाम पर चल रहा फर्जीवाड़ा सामने आने पर अब निगम अधिकारियों की नींद खुली है। आनन फानन में अब सभी सफाईकर्मियों की सूची तलब की जा रही है और अधिकारियों को निर्देश दिए गए हैं कि सभी का भौतिक सत्यापन किया जाए। अगर कोई गड़बड़ी है तो तुरत ही कार्रवाई करें। इसको लेकर स्वास्थ्य अधिकारी ने सभी वार्ड हेल्थ ऑफिसर को निर्देश जारी कर दिए हैं।
फैक्ट फाइल
आउटसोर्स कर्मचारियों की संख्या: १०००
स्थाई कर्मचारी: १०८३
विनियमित कर्मचारी: १०००
सफाई बजट: १०० करोड़ लगभग


फील्ड में सफाई कर्मचारियों की उपस्थिति को लेकर सभी अधिकारियों को निर्देश दिए हैं कि सख्ती से जांच करें। अगर कोई मौजूद नहीं है तो तत्काल कार्रवाई करें। ३ हजार से अधिक सफाईकर्मी होने के बावजूद इसी कारण सफाई व्यवस्था ठीक नहीं है। आउटसोर्स कर्मचारियों के नाम पर गौरखधंधा पकड़ा है इसको लेकर हम और भी जांच पड़ताल कर रहे हैं, जो भी शामिल होगा सभी पर कार्रवाई की जाएगी।
संदीप माकिन, निगमायुक्त
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