जो दो मीटिंग हुई थीं उनमें एडीजी, डीआईजी स्तर के अधिकारी मौजूद थे। अधिकारी के कोरोना पाॅजीटिव आने का पता चलने के बाद बीएसएफ डीजीपी ने अषोक के संपर्क में आए सभी अफसरोें और जवानों को कोरोना से बचाव की एडवायजरी का इस्तेमाल करने के लिए कहा है।
उधर अकादमी में तीन दिन से लोगों की आवाजाही बंद है। सोमवार से दूधवाले का भी अकादमी में आना बंद कर दिया है।
ट्रेनिंग सेशन में कई कैडिट, आधा स्टाफ बाहर रहता
सेंकेंड इन कमांड अधिकारी अषेक कुमार ने जो तीन ट्रेनिंग सेशन लिए थे उनमें कई कैडिट थे। इसके अलावा अकादमी के ज्यादातर कर्मचारी कैम्पस के बाहर बस्तियों में रहते हैं।
इंकार नहीं किया जा रहा है कि इनमें जो लोग सीधे तौर पर अपने अधिकारी अषोक कुमार के संपर्क में आने के बाद अपने आसपास रहने वालों के भी संपर्क में आए होंगें। जाहिर है कि इससे कोरोना संक्रमित के संदिग्धों में इजाफा हो सकता हैं।
सभी गेट से प्रवेष रोका
सेंटर के अंदर जाने वाले सभी रास्तों पर पुलिस ने रोक लगा दी है। सोमवार से अकादमी परिसर में दूध सप्लाई करने वालों का प्रवेष भी बंद किया गया है। दूध लेकर आने वालों से उनकी केन बाहर दरवाजे पर रखवाई जा रही है।
उसे सेनेटाइज करने के बाद परिसर में रहने वालों को थमाया जा रहा है। उनसे कहा गया है कि केन को खुद उठाकर अंदर ले जाएं और अपने स्तर पर दूध बांट कर खाली केन गेट पर लाकर वापस करें।
यह है मामला, बेटे की रिपोर्ट का इंतजार
केरोना पाॅजीटिव पाए अधिकारी की पत्नी लंदन से लौटी थीं, उन्होंने क्वेरंटाइन की एडवायजरी का पालन नहीं किया। उनसे ही अधिकारी को कोरोना संक्रमण हुआ। अधिकारी और उनका परिवार स्वंय को स्वस्थ समझता रहा। इस दौरान अकादमी में अधिकारी और कर्मचारियों से संपर्क जारी रखा।
आभी तक सामने आ चुके संक्रमित संदिग्ध
बीएसएफ अधिकारी और परिवार के संपर्क में घर और दफतर में काम करने वाले कर्मचारी के अलावा सेंटर में मेडिकल चेकअप करने वाले कर्मचारी संपर्क में आए थें।
इनमें 2 कांस्टेबल, 3 वाहन चालक, 2 रसोइया और सहायक, 4 सफाई कर्मचारी, 2 धोबी, 1 नाई, 1 मेडिकल आॅफीसर, 1 एएसआई स्तर के आॅफिस क्लर्क, 1 हवलदार, 3 नर्सिंग अस्टिेंट और एक कर्मचारी को क्वेंरटाइन किया गया है।