सिंध नदी में शनिवार रात बढ़े पानी के कारण नदी किनारे बसे खैरोली, निवसाई, चिटावली, छोटी भारौली, नौरासाई, मुसावली, बुढरऱ्ा, भारौलीकलां, दौदर, पर्रयाच, बढ़ेतर, मटियावलीखुर्द, इंदुरूखी, कौंध की मढिय़ा, माहिर, रैमजा, मैहरा, पड़ौरा, दोहई, हिलगंवा, बछरौली, बछरैठा, बरेठीराज, खेरिया सिंध, कछार, बिलवारी, मड़ौरी, निचरौली, जखमौली, कटहरा, टहनगुर सहित 33 गांव बाढ़ की जद में आ गए हैं। स्थिति ये है कि घरों में पानी भर जाने से लोग बीहड़ के टीलों पर पहुंच गए हैं। कुछ परिवारों ने ऊंचाई वाले स्थान पर जाकर आसमान के नीचे तिरपाल तान कर दिनचर्या शुरू कर दी है। वहीं ऐसे परिवार जो बेहद गरीब हैं उनके सामने बड़ा संकट उत्पन्न हो गया है। कई परिवार अन्य गांवों के सामुदायिक भवनों में रहने पहुंच गए हैं तथा कुछ ने रिश्तेदारों के घर शरण ले ली है।
एक दर्जन टीमें बचाव कार्य के लिए रवाना
प्रशासन द्वारा सिंध नदी के उफान पर आने के बाद अलर्ट जारी कर दिया गया है। साथ ही एक दर्जन टीमों को संबंधित गांवों में बचाव कार्य के लिए रवाना किया गया है। संबंधित थाना पुलिस को भी अलर्ट रहने के निर्देश दिए गए हैं। उधर ग्रामीणों का आरोप है कि उनके लिए राहत कार्य शुरू नहीं हो पाया है। उन्हें खुले आसमान के नीचे रहकर कई प्रकार की परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है।
मणिखेड़ा से छोड़ा 1,85320 क्यूसेक पानी
शिवपुरी जिले के मणिखेड़ा डेम से 08 सितंबर की शाम सात बजे 1,85320 क्यूसेक पानी छोड़ा गया था। जल संसाधन विभाग के अधिकारियों के अनुसार 10 सितंबर को बांध के गेट बंद कर दिए गए हैं। ऐसे में पानी जितना बढऩा था बढ़ गया। शनिवार की रात से नदी से पानी उतरना शुरू हो जाएगा। हालांकि गांवों के लोगों ने बाढ़ के भय से लोग सुरक्षित स्थानों के लिए पलायन कर गए हैं।
इसलिए छोड़ा गया था बांध से पानी
346.25 मीटर पानी की क्षमता है मणिखेड़ा बांध की। वर्तमान में बांध में 97.92 फीसदी पानी भर गया था यानि 346 मीटर पानी भर चुका था। ओवर पानी निकालने के लिए गेट खोले गए थे। सिंध नदी में पानी छोड़े जाने के बाद बांध में .25 मीटर पानी कम हो गया है।
आशीष कुमार गुप्ता, कलेक्टर