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महाराज बाड़े पर 350 फुटपाथियों का कब्जा, कोर्ट के आदेश के बाद भी नहीं हटा पाए अफसर

locationग्वालियरPublished: Jan 07, 2019 01:27:25 am

Submitted by:

Rahul rai

इन कारोबारियों को दीपावली पर तीन दिन कारोबार की मनमानी रियायत पुलिस और नगर निगम द्वारा दी गई थी, लेकिन उसके बाद अधिकारियों ने चुप्पी साध ली है

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महाराज बाड़े पर 350 फुटपाथियों का कब्जा, कोर्ट के आदेश के बाद भी नहीं हटा पाए अफसर

ग्वालियर। महाराज बाड़े पर दुकान जमाए बैठे 350 फुटपाथियों को हटाने में नगर निगम और पुलिस पूरी तरह नाकाम साबित हुए हैं। इन कारोबारियों को दीपावली पर तीन दिन कारोबार की मनमानी रियायत पुलिस और नगर निगम द्वारा दी गई थी, लेकिन उसके बाद अधिकारियों ने चुप्पी साध ली है। कोर्ट के आदेश के बाद भी इन्हें हटाने के लिए प्रयास नहीं किए जा रहे हैं, जिससे पूरे महाराज बाड़े पर फुटपाथियों का कब्जा हो गया है।
इनमें109 फुटपाथी नजरबाग मार्केट में घुसने वाले रास्ते पर दोनों तरफ फड़ लगाकर बैठे हैं, जबकि 206 लोगों ने सुभाष मार्केट में जाने वाले रास्ते, स्टेट बैंक के सामने, टाऊन हॉल के दोनों तरफ और पार्क के मेनगेट के बाहर दुकानें लगा रखी हैं। इसके अलावा ठेले वाले और फुटपाथ पर दुकानें स्काउट गेट से विक्टोरिया मार्केट तक हैं, इनकी वजह से बाड़े पर जाम लगता है, जबकि दो दिन पहले पुलिस और प्रशासन ने ज्वॉइंट ऑपरेशन में ट्रैफिक को फ्लो में चलाने के लिए सडक़ पर आकर मंथन किया था।
शिंदे की छावनी पर इन अफसरों ने दो टूक कहा था कि अब बहुत हो चुका, सडक़ घेरकर कारोबार नहीं होने देंगे, फुटपाथी और ठेले वालों के लिए हॉकर जोन बनाए हैं, इन लोगों को वहां भेजेंगे, लेकिन बाड़े की सडक़ पर ट्रैफिक की फजीहत पर सब चुप हैं।
100 रुपए बाड़ा, 200 नजरबाग मार्केट का रेट
बाड़े पर दुकान लगाने वाले फुटपाथी कारोबारी बेधडक़ कहते हैं कि बाड़े की सडक़ पर दुकान लगाना है तो 100 रुपए रोज देने पड़ते हैं। नजरबाग मार्केट में जाने वाले रास्ते पर बैठने की कीमत 200 रुपए रोज है। नई दुकान लगाने के लिए राकेश और गजराज से बात करनी पड़ेगी, यह लोग ही वसूली कर ठिकाने पर पहुंचाते हैं। दोनों टाउन हॉल के पास मिलेंगे। हर दिन करीब 47 हजार रुपए और महीने में करीब 14 लाख की वसूली है। हालांकि इन दुकानदारों का कहना था कि पांच दिन से उगाही बंद है, इसलिए फुटपाथी निश्चिंत हैं, लेकिन धंधे के लिए पैसे तो देने ही पड़ते हैं।
सूदखोरी का धंधा
बाड़े पर फुटपाथी दुकानदारों के पीछे सूदखोरों का जमा हुआ कारोबार भी बताया गया है। फुटपाथी कारोबारी कहते हैं कि यहां तमाम लोग रोज उधार लेकर फट्टा (फुटपाथ पर दुकान) लगाते हैं। उधारी का ब्याज 10 से 15 प्रतिशत तक रहता है। इनमें कुछ लोग इस वादे के साथ कारोबार के लिए उधार पैसे देते हैं कि वह बैठे हैं, उनकी दुकान नहीं हटने देंगे।
यहां फंसता ट्रैफिक
– सरकारी छापाखाने के सामने फुटपाथी दुकान लगाते हैं, दौलतगंज और टाउन हॉल से आने वाला ट्रैफिक भी छापाखाने के सामने से ही माधौगंज और बाड़े की तरफ जाता है। दौलतगंज तिराहे पर पुलिस ने बीच सडक़ पर बेरीकेड्स भी रखे हैं। यहां सडक़ संकरी होने की वजह से पुलिस चौकी के ठीक पीछे हर वक्त जाम की स्थिति रहती है।
– स्काउट गेट से बाड़े की तरफ आने वाले रास्ते पर भी सडक़ किनारे करीब ४० फुटपाथी कारोबारी और हाथठेले एक तरफ की सडक़ घेरते हैं, इससे विक्टोरिया मार्केट के पास पहुंचकर सडक़ संकरी होती है, इस वजह से यहां से देवघर गेट के सामने तक वाहन अटकते हैं, क्योंकि यहां भी नजरबाग मार्केट जाने वाले रास्ते को फुटपाथी कारोबारियों ने डाकघर तक घेर रखा है।
– डाकघर के सामने से ट्रैफिक सिग्नल तक भी यातायात एक रफ्तार में नहीं चल पाता। यहां सुभाष मार्केट में जाने वाले रास्ते पर फुटपाथ पर कारोबार करने वालों की भीड़ है। स्थिति यह है कि सुभाष मार्केट में जाने वाले ग्राहकों को चलने लायक रास्ता नहीं बचता है, इससे सडक़ पर भीड़ लगती है, इसलिए ट्रैफिक जाम की स्थिति रहती है।
– टाउन हॉल के पास आधी सडक़ को बैग, प्लास्टिक का सामान, कपड़े बेचने वालों ने घेर रखा है, इसलिए यहां से वाहनों को निकलने के लिए जगह नहीं बचती है।

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