लोक अभियोजक बृजमोहन श्रीवास्तव ने न्यायालय से अपील की कि आरोपी का कृत्य मानव जीवन के लिए घातक है, इसलिए उसे कठोर सजा दी जाए। श्रीवास्तव ने जानकारी देते हुए बताया कि जिला प्रशासन को सूचना मिली थी गायत्री नगर पिंटो पार्क में श्रीनिवास शर्मा की चूनी-पीना की दुकान पर प्रतिबंधित ऑक्सीटॉक्सीन इंजेक्शन बेचे जा रहे हैं।
ये इंजेक्शन यहां से दूध का कारोबार करने वाले लेकर जाते हैं, जिन्हें गाय-भैसों को अधिक दूध लेने के लिए लगाया जाता है। टीम ने 2010 में कार्रवाई के दौरान आरोपी की दुकान से 104 ऑक्सीटॉक्सीन इंजेक्शन बरामद किए थे। शासन ने इन्हें जांच के लिए लैब भेजा था, जहां से आई रिपोर्ट में इंजेक्शन को मानव जीवन के लिए अत्यंत खतरनाक बताया गया। इसके बाद आरोपी के खिलाफ चालान पेश किया गया, जिसमें आरोप प्रमाणित होने पर सजा सुनाई गई।
आंखों, फेफड़ों और मस्तिष्क को करता कमजोर
गाय एवं भैंसों को ऑक्सीटॉक्सीन इंजेक्शन लगाकर उनका जो दूध निकाला जाता है वह मानव शरीर के लिए खतरनाक है। इसका महिलाओं और बच्चों पर विपरीत प्रभाव पड़ता है। बच्चों की दृष्टि कमजोर हो सकती है। फेफड़ों और मस्तिष्क पर भी विपरीत प्रभाव पड़ता है।
आधी रह जाती है भैंस की उम्र
ऑक्सीटॉक्सीन इंजेक्शन लगाने से जानवरों में कैल्शियम और वसा की कमी हो जाती है और उनमें हड्डियों में विकार पैदा हो जाता है। इसके उपयोग से 20 प्रतिशत तक ज्यादा दूध लिया जाता है। इससे भैंस की औसत आयु 15 से घटकर 5-7 साल रह जाती है। इससे दूध में सोडियम और नमक की मात्रा बढ़ जाती है।