जेल मुख्यालय के आकंड़ों के मुताबिक, कोरोना की पहली लहर ने जोर पकड़ा तो जेल में बंदी भी संक्रमण की चपेट में आए थे। इसलिए शासन के आदेश पर इन बंदियों को संक्रमण से बचाए रखने के लिए एक मुश्त 90 दिन की पैरोल दे दी गई थी।
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बाहर आए 47 बंदियों की मौत
पेरोल से वापस नहीं आए बंदियों को तलाशा गया तो पता चला कि, इनमें से 47 बंदियों की कोरोना या किसी अन्य बीमारी से मौत हो चुकी है। वहीं, अपराधिक वारदात करने वाले 55 बंदियों को फिर से पकड़कर जेल भेज दिया गया। तब भी 739 बंदी पैरोल खत्म होने के बावजूद जेल से बाहर थे, उन्हें तलाश कर वापस लौटने की हिदायत दी गई तो बंदी वापस जेल लौटे। जेल अधीक्षक गाजीराम मीणा का कहना है कि, पहली लहर में छोड़े गए बंदियों में से 22 अब भी फरार हैं। उनकी तलाश की जा रही है।
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