शिकारियों की गिरफ्त में पहुंचे जंगल के गांवों में विभाग का मुखबिर तंत्र भी बेहद कमजोर है, जिसकी वजह से सामान्य शिकार की घटनाएं सामने ही नहीं आतीं। जिन घटनाओं में मामला बढ़ जाता है, सिर्फ वही रिपोर्ट हो रहे हैं। उल्लेखनीय है कि जिले के पनिहार, पुरासानी, नयागांव, आंतरी, पाटई, सहसारी, जखौदा, बरई, हथनौरा, देवगढ़ सहित अन्य क्षेत्रों शिकारियों के निशाने पर नीलगाय, जंगली खरगोश, लकड़बग्घे, जंगली सुअर, हिरन, मोर लगातार बने हुए हैं। लगातार घटनाएं सामने आई हैं, लेकिन वन विभाग के अधिकारी शिकारियों को गिरफ्त में नहीं ले सके।
यह होता है शिकार का तरीका
जंगली जानवरों के शिकार की फिराक में घात लगाए शिकारी बंदूक का उपयोग कम से कम करते हैं। वन्य प्राणियों का शिकार करने के लिए अक्सर दिन में खटका लगाकर छोड़ दिया जाता है। जमीन पर लगाया गया खटका पत्तों या मिट्टी से ढंका जाता है। दूसरा तरीका पेड़ों के बीच तारों का फंदा है। महीन तारों से बना यह फंदा दो पेड़ों के बीच बांधा जाता है। सुबह-शाम या फिर रात के समय जब वन्य प्राणी पानी या भोजन की तलाश में निकलते हैं तो जल स्रोतों के आसपास लगाए गए इन फंदों में फंस जाते हैं।
जंगली जानवरों के शिकार की फिराक में घात लगाए शिकारी बंदूक का उपयोग कम से कम करते हैं। वन्य प्राणियों का शिकार करने के लिए अक्सर दिन में खटका लगाकर छोड़ दिया जाता है। जमीन पर लगाया गया खटका पत्तों या मिट्टी से ढंका जाता है। दूसरा तरीका पेड़ों के बीच तारों का फंदा है। महीन तारों से बना यह फंदा दो पेड़ों के बीच बांधा जाता है। सुबह-शाम या फिर रात के समय जब वन्य प्राणी पानी या भोजन की तलाश में निकलते हैं तो जल स्रोतों के आसपास लगाए गए इन फंदों में फंस जाते हैं।
कुशराजपुर
18 दिसंबर 2021 को कुशराजपुर (सातऊं) गांव के जंगल में शिकारियों ने खटका लगाकर तेंदुए को घायल कर दिया था। तेंदुए को करीब छह घंटे की मशक्कत के बाद ट्रेंक्यूलाइज करके पकड़ा जा सका था। 12 दिन गांधी प्राणी उद्यान में इलाज के बाद भोपाल के वन विहार भेजा गया। तेंदुए को घायल करने वाले शिकारी अभी तक पकड़े जा सके।
आंतरी
5 मई को आंतरी के जंगल में शिकारियों ने जंगली खरगोश का शिकार किया था। इसका सुराग मिलने के बाद शिकारी वन विभाग के कर्मचारियों की निगाह मेंं थे, शिकार और शिकारी दोनों हाथ में आ गए लेकिन कार्रवाई नहीं की। मृत खरगोश को भी जला दिया गया। यह मामला जब तूल पकड़ा तो अपर प्रधान मुख्य वन संरक्षक ने जांच के निर्देश दिए। हालांकि, इसकी जांच भी निर्देश तक ही सिमट कर रह गई है।
18 दिसंबर 2021 को कुशराजपुर (सातऊं) गांव के जंगल में शिकारियों ने खटका लगाकर तेंदुए को घायल कर दिया था। तेंदुए को करीब छह घंटे की मशक्कत के बाद ट्रेंक्यूलाइज करके पकड़ा जा सका था। 12 दिन गांधी प्राणी उद्यान में इलाज के बाद भोपाल के वन विहार भेजा गया। तेंदुए को घायल करने वाले शिकारी अभी तक पकड़े जा सके।
आंतरी
5 मई को आंतरी के जंगल में शिकारियों ने जंगली खरगोश का शिकार किया था। इसका सुराग मिलने के बाद शिकारी वन विभाग के कर्मचारियों की निगाह मेंं थे, शिकार और शिकारी दोनों हाथ में आ गए लेकिन कार्रवाई नहीं की। मृत खरगोश को भी जला दिया गया। यह मामला जब तूल पकड़ा तो अपर प्रधान मुख्य वन संरक्षक ने जांच के निर्देश दिए। हालांकि, इसकी जांच भी निर्देश तक ही सिमट कर रह गई है।
पनिहार
छोंड़ा वन चौकी क्षेत्र के अंतर्गत पनिहार के मैदानी क्षेत्र में वन अमले ने नीलगाय का शिकार करके मांस पकाने की सूचना के बाद वन अमले ने कार्रवाई की और 15 किलो पकते हुए पकड़ा था। इसके साथ ही मौके से नीलगाय के पैर, शिकार में उपयोग की गई कुल्हाड़ी सहित अन्य औजार जब्त किए थे। सिर्फ एक आरोपी को वन टीम पकड़ पाई।
24 मई 2020 को पनिहार के जंगल में कन्हेर झील के पास चीतल को शिकारियों ने गोली मार दी। वन विभाग की टीम को सूचना मिली तो भी समय से नहीं पहुंचे। आखिर चीतल ने दम तोड़ दिया। इसके बाद पोस्टमार्टम आदि की औपचारिकता पूरी करके विभाग ने पुराना ढर्रा अपना लिया। शिकारी अभी तक नहीं पकड़े गए हैं।
छोंड़ा वन चौकी क्षेत्र के अंतर्गत पनिहार के मैदानी क्षेत्र में वन अमले ने नीलगाय का शिकार करके मांस पकाने की सूचना के बाद वन अमले ने कार्रवाई की और 15 किलो पकते हुए पकड़ा था। इसके साथ ही मौके से नीलगाय के पैर, शिकार में उपयोग की गई कुल्हाड़ी सहित अन्य औजार जब्त किए थे। सिर्फ एक आरोपी को वन टीम पकड़ पाई।
24 मई 2020 को पनिहार के जंगल में कन्हेर झील के पास चीतल को शिकारियों ने गोली मार दी। वन विभाग की टीम को सूचना मिली तो भी समय से नहीं पहुंचे। आखिर चीतल ने दम तोड़ दिया। इसके बाद पोस्टमार्टम आदि की औपचारिकता पूरी करके विभाग ने पुराना ढर्रा अपना लिया। शिकारी अभी तक नहीं पकड़े गए हैं।
वन क्षेत्र में पिछले कुछ समय में लगातार गश्त बढ़ाई गई है, कुछ मामलों में वन टीम को सफलता मिली है और शिकारी भी पकड़े गए हैं। सख्ती की वजह से वर्तमान में संरक्षित वन्य प्राणियों के शिकार पर अंकुश लगा है। जिन मामलों में शिकारी हाथ से निकल गए, उनको लेकर टीमें अपने स्तर पर काम कर रही हैं, जल्द ही परिणाम सामने आएंगे।
बृजेन्द्र श्रीवास्तव, डीएफओ
बृजेन्द्र श्रीवास्तव, डीएफओ