scriptकोरोना से जुड़ी जरूरत की चीजों पर भी वसूला जा रहा 5 से 28 फीसदी जीएसटी | 5 to 28 percent GST being charged on items of need related to corona | Patrika News

कोरोना से जुड़ी जरूरत की चीजों पर भी वसूला जा रहा 5 से 28 फीसदी जीएसटी

locationग्वालियरPublished: May 28, 2021 10:28:50 am

Submitted by:

Narendra Kuiya

– जीएसटी से कोरोना मरीजों पर पड़ रहा भार, कारोबारी संगठनों और कर सलाहकारों की मांग इन पर सांकेतिक रूप से लगे जीएसटी- जीएसटी काउंसिल की आज होने वाली बैठक में हो सकता है निर्णय

कोरोना से जुड़ी जरूरत की चीजों पर भी वसूला जा रहा 5 से 28 फीसदी जीएसटी

कोरोना से जुड़ी जरूरत की चीजों पर भी वसूला जा रहा 5 से 28 फीसदी जीएसटी

ग्वालियर. कोरोना संक्रमण काल में एक ओर जहां ऑक्सीजन, दवाओं और इंजेक्शन की कमी ने मुश्किलें खड़ी की हैं वहीं दूसरी और जीवन रक्षक दवाओं से लेकर ऑक्सीजन, वैक्सीन और एम्बुलेंस पर केेंद्र सरकार को 5 से 28 फीसदी तक जीएसटी मिल रहा है। इसका सीधा भार सीधे ही मरीजों पर पड़ रहा है। केंद्र व राज्य सरकारों को तो जीएसटी से राजस्व की प्राप्ति हो रही है, पर आमजन की मुसीबतें इससे काफी बढ़ी हुई हैं। कोरोना काल में कई ऐसे लोग व संस्थाएं हैं जिन्होंने मशीन दान में देने के लिए विदेशों से बुलाई थीं लेकिन उन्हें भी आइजीएसटी का भुगताना करना पड़ गया। कई राज्य और प्रदेश की संस्थाएं भी कोरोना की दवा, वैक्सीन, कंसंट्रेटर जैसे संसाधनों से जीएसटी हटाने की मांग कर चुके हैं। वहीं कारोबारी संगठनों और जीएसटी के जानकारों का मानना है कि यदि इन पर जीएसटी लगाना ही है तो उसे सांकेतिक रूप से लगाया जाए। शुक्रवार को जीएसटी काउंसिल की होने वाली बैठक में इन पर जीएसटी कम किए जाने को लेकर निर्णय लिया जाना है, यदि ऐसा होता है तो आमजन के लिए काफी सुविधा हो जाएगी।
इतना लग रहा जीएसटी
5 फीसदी वैक्सीन, 12 फीसदी वेंटिलेटर, 12 फीसदी मेडिकल ऑक्सीजन, 12 फीसदी ऑक्सीजन कंसंट्रेटर, 18 फीसदी ऑक्सीजन प्लांट और 28 फीसदी एम्बुलेंस।

दिल्ली हाइकोर्ट ने ओटू मशीन पर जीएसटी बताया था असंवैधानिक
कोरोना महामारी के दौर में व्यक्तिगत उपयोग के लिए बुलाई गई ऑक्सीजन कंसंट्रेटर मशीन के उपयोग पर लगे 12 फीसदी जीएसटी को दिल्ली हाइकोर्ट असंवैधानिक बता चुकी है। यह फैसला 85 वर्षीय गुरुचरण सिंह द्वारा केंद्रीय वित्त मंत्रालय के विरुद्ध लगाई गई याचिका पर हुआ था।
ऐसे बढ़ता जीएसटी से खर्च
कोरोना की दवाओं व इंजेक्शन पर लगने वाला 12 फीसदी जीएसटी मरीज का खर्च और बढ़ा देता है। जैसे ब्लैक फंगस के एक इंजेक्शन के 7000 रुपए का होने पर इस पर 700 रुपए की जीएसटी और रेमडिसिवर के 3000 रुपए के इंजेक्शन पर करीब 350 रुपए की जीएसटी देना पड़ता है। यदि जीएसटी हटा दिया जाए या आंशिक कर दिया जाए तो इससे मरीज को काफी राहत मिल जाएगी।
सांकेतिक रूप से लिया जाए जीएसटी
कोरोना संक्रमण काल में इस महामारी के कारण आम आदमी पहले से ही परेशान है। ऐसे में कोरोना से जुड़ी जरूरत की चीजों पर भी 5 से 28 फीसदी तक वसूला जा रहा जीएसटी एकदम से गलत है। जहां तक इनपुट टैक्स क्रेडिट में परेशानी आने की बात है तो सांकेतिक रूप में भी नाममात्र का ही टैक्स वसूला जा सकता है। ऑक्सीजन कंसंट्रेटर व अन्य चिकित्सा उपकरणों पर 12 फीसदी की दर से जीएसटी लगाया जा रहा है। ऐसे में कई संस्थाएं जो लोगों की मदद के लिए मशीनें दान करना चाहती हैं, उन्हें टैक्स चुकाने के कारण राहत कम करनी पड़ रही है। जो संस्थाएं पांच मशीनें दे सकती थीं, वो टैक्स के चलते चार ही खरीद पा रही हैं। ऐसे में सरकार को जीएसटी में छूट देना ही चाहिए।
– भूपेन्द्र जैन, प्रदेशाध्यक्ष, कैट
एक्सपर्ट व्यू
0.10 फीसदी किया जा सकता है जीएसटी
उत्पादकों को इनपुट टैक्स क्रेडिट का फायदा देने के लिए जीएसटी की दर 5 फीसदी रखना जरूरी नहीं हैं इसे 1 फीसदी या इससे भी कम किया जा सकता हैं। कोरोना की दवाओं एवं वैक्सीन पर जीएसटी की दर को बिना संदेह कम किया जा सकता हैं। जीएसटी काउंसिल के पास इसके अधिकार हैं, केंद्र सरकार को महामारी की आपात स्थिति को देखते हुए जीएसटी की दर कम करना चाहिए ताकि लोगों को कम कीमत पर टीका एवं स्वास्थ्य सुविधाए मिल सकें। इसके लिए जरुरत पडऩे पर दवाओं एवं टीके में इस्तेमाल होने वाले कच्चे माल पर भी दरें घटा देना चाहिए। ऑक्सीजन कंसंट्रेटर और वेंटिलेटर पर भी 12 फीसदी जीएसटी लग रहा हैं, इसमें भी कमी की जानी चाहिए। मर्चेंट एक्सपोर्ट की तर्ज पर दवाओं और उपकरणों पर सिर्फ 0.10 फीसदी जीएसटी किया जा सकता है। ऐसा करने पर उत्पादकों को इनपुट टैक्स क्रेडिट का लाभ मिल जाएगा और कर का बोझ भी लोगों पर नहीं पड़ेगा।
– अनिल अग्रवाल, उपाध्यक्ष, मप्र टैक्स लॉ बार ऐसोसिएशन
loksabha entry point

ट्रेंडिंग वीडियो