ग्वालियर

5 साल पहले 888 थीं बालिकाएं, अब हुईं 910

:लिंगानुपात में 32 बालिकाओं की बढ़ोतरी, भारत सरकार ने जारी किया ग्वालियर का सेक्स रेशो,
:हैल्थ मैनेजमेंट इन्फॉमेज़्शन सिस्टम ने भेजी है 12 अक्टूबर को रिपोर्ट
 

ग्वालियरOct 15, 2019 / 09:39 pm

Dharmendra Trivedi

5 years ago there were 888 girls, now 910

ग्वालियर। शिशु लिंगानुपात को लेकर ग्वालियर जिले के लिये अच्छी खबर है, बीते पांच साल से प्रति हजार शिशुओं पर प्रति वर्ष 28 से 40 बालिकाओं की संख्या बढ़ी है। इस वर्ष यह आंकड़ा प्रति हजार पर 910 बालिकाओं तक पहुंच गया है। जबकि सबसे बेहतर स्थिति 2015-16 में दर्ज की गई थी, जब बालिकाओं की संख्या 918 हो गई थी। भारत सरकार द्वारा हैल्थ मैनेजमेंट इन्फार्मेशन सिस्टम के हवाले से जारी पत्र के बाद अब बेटी बचाओ-बेटी पढ़ाओ कार्यक्रम के अंतर्गत इस संख्या को और बेहतर करने के लिए विभागीय अधिकारी प्लानिंग कर रहे हैं।
चौपाल पर पहुंचेंगे अधिकारी

बालिकाओं के जन्म पर बुजुर्ग, पारिवारिक जन और आसपड़ौस के महिला-पुरुषों की सोच में बहुत हद तक बदलाव नहीं आया है। अभी भी बहुत सी जगहों पर कन्या के जन्म को हेय दृष्टि से देखा जा रहा है। जनमानस में व्याप्त इस सोच में बदलाव लाने के लिए महिला बाल विकास, स्वास्थ्य, प्रशासन के अधिकारी-कर्मचारियों सहित सहित स्कूल के छात्र और कॉलेजों से समाज सेवा में डिग्री कर रहे छात्र-छात्राओं को जागरुकता कार्यक्रमों में शामिल करने की प्लानिंग हो रही है। इसके साथ ही विभागीय अधिकारी ग्रामीण दौरे पर लोगों के बीच चौपाल आदि सार्वजनिक स्थानों पर कन्या के जन्म के प्रति सकारात्मक सोच पैदा करने के लिए बातचीत करेंगे।

यह है रिपोर्ट

-2014-15 में एक हजार बालकों पर 888 बालिकाएं थीं।
-2015-16 में एक हजार बालकों पर 918 बालिकाएं थीं।

-2016-17 में एक हजार बालकों पर 906 बालिकाएं थीं।
-2017-18 में एक हजार बालकों पर 909 बालिकाएं थीं।
-2018-19 में अभी तक एक हजार बालकों पर 910 बालिकाएं हैं।

-शिशु लिंगानुपात में बीते पांच साल से लगातार बढ़ोतरी दर्ज की जा रही है, एक हजार बालकों पर बालिकाओं की संख्या वर्तमान में 910 है। इसको लेकर भारत सरकार के महिला बाल विकास मंत्रालय ने रिपोर्ट भेजी है, अब हम इस संख्या को और बेहतर करने के लिए जागरुकता और जानकारी प्रत्येक अभिभावक तक पहुंचाने के प्रयास में हैं, ताकि कन्याओं को लेकर माता-पिता की सोच व्यापक हो सके।
अनुराग चौधरी, कलेक्टर

Hindi News / Gwalior / 5 साल पहले 888 थीं बालिकाएं, अब हुईं 910

Copyright © 2024 Patrika Group. All Rights Reserved.