अब जब कोरोना के मरीज कम होने लगे है तो ऐसे में इन कर्मचारियों का समय सीमा भी खत्म कर दी गई है। राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन की मिशन संचालक प्रियंका दास ने आदेश जारी करते हुए कहा है कि अस्थायी मानव संसाधन पर होने वाले मासिक मानदेह के आहरण के लिए बजट आवंटन की उपलब्धता न होने के कारण भविष्य में अस्थायी रूप से रखे गए मानव संसाधन को मासिक भुगतान नहीं किया जा सकेगा। अतः एक अप्रेल से इनकी सेवाएं स्वतः समाप्त हो जाएगी।
बीस दिन से फ्री बैठे थे कर्मचारी
कोरोना की जांच में लगे सभी 52 कर्मचारी पिछले बीस दिनों से खाली बैठे है। इसका कारण यह है कि वीटीएम बाइल न होने के कारण कोरोना की जांचे काफी कम हो रही हैं। इसके चलते यह कर्मचारी सुबह से शाम तक जिला अस्पताल में जाकर लौट आते थे। इन कर्मचारियों को लगभग दस हजार के आसपास हर महीने वेतन दिया जाता है।
डॉ. अमित रघुवंशी, नोडल ऑफिसर कोरोना का कहना है कि कोरोना के लिए लगए डेंटल डॉक्टर और लैब टैक्नीशियन 31 मार्च तक के लिए रखे गए थे। अब उनका कार्याकाल नहीं बढ़ा है। ऐसे में एक अप्रैल से इन सभी की छुट्टी हो जाएगी।