script55 परसेंट मां ही छह माह तक बच्चों को करा रहीं ब्रेस्ट फीडिंग, 2025 तक 65 परसेंट करने का लक्ष्य | 55 mother is providing breast feeding to children for six months, targ | Patrika News

55 परसेंट मां ही छह माह तक बच्चों को करा रहीं ब्रेस्ट फीडिंग, 2025 तक 65 परसेंट करने का लक्ष्य

locationग्वालियरPublished: Aug 03, 2021 11:08:16 am

Submitted by:

Mahesh Gupta

वल्र्ड ब्रेस्ट फीडिंग वीक: भ्रांतियों के चलते बच्चों को ब्रेस्ट फीडिंग कराने से बच रहीं महिलाएं

55 परसेंट मां ही छह माह तक बच्चों को करा रहीं ब्रेस्ट फीडिंग, 2025 तक 65 परसेंट करने का लक्ष्य

55 परसेंट मां ही छह माह तक बच्चों को करा रहीं ब्रेस्ट फीडिंग, 2025 तक 65 परसेंट करने का लक्ष्य

ग्वालियर.

मां का दूध बच्चे के लिए अमृत सामान है। इसके बाद भी मां भ्रांतियों के चलते बच्चे को ब्रेस्ट फीडिंग कराने से कतरा रही हैं। देश में 55 परसेंट मां ही बच्चे को छह माह तक ब्रेस्ट फीडिंग करा रही हैं। भारत में केवल 41 परसेंट माताएं ही शिशु के जन्म के एक घंटे के भीतर स्तनपान करा पाती हैं। यह रेश्यो बहुत ही चिंताजनक हैं। यही कारण है कि बच्चे बचपन में ही कुपोषण सहित अन्य बीमारियों की चपेट में आ रहे हैं। डब्ल्यूएचओ ने 2025 तक 65 परसेंट बच्चे एक्सक्लूसिव बे्रस्ट फीड कराने का लक्ष्य रखा है।
मां के साथ पिता और फैमिली को भी कर रहे अवेयर
गोग्स (ग्वालियर ऑब्स्ट्रेटिक गाइनिकोलॉजिकल सोसायटी) स्तनपान सप्ताह मना रहा है। इसके अंतर्गत हम सेमिनार, वर्कशॉप, टॉक शो कर रहे हैं। स्तनपान छह माह तक बच्चों के लिए जरूरी है। यह बात मां के साथ पिता और फैमिली को भी समझानी होगी। अधिकांश माताएं कुछ दिन बाद ही बच्चे को अपना दूध पिलाना बंद कर देती हैं। वह बच्चे को या तो बाजार का डिब्बा बंद दूध देना शुरू कर देती हैं या फिर गाय व भैंस के दूध से काम चलाती हैं, जबकि बच्चे को पैदा होने के छह माह तक स्तनपान कराना चाहिए। इससे बच्चा स्वस्थ रहता है।
डॉ. अचला सहाय, सचिव, गोग्स
मां छह माह तक कराएं एक्सक्लूसिव ब्रेस्ट फीडिंग
शिशु के लिए स्तनपान संरक्षण और संवर्धन का काम करता है। रोग प्रतिरोधात्मक शक्ति जन्मे बच्चे में कम होती है। यह शक्ति मां के दूध से शिशु को हासिल होती है। मां का सबसे पहला दूध कोलस्ट्रम कहलाता है, जो बहुत फायदेमंद होता है। हर मां को एक घंटे के अंदर शिशु का स्तनपान कराना चाहिए। यह शिशु के अंदर रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाता है। मां को छह महीने तक एक्सक्लूसिव ब्रेस्ट फीडिंग कराना चाहिए। इस दौरान शिशु को कुछ और देने की जरूरत नहीं है।
डॉ. कुसुम लता सिंघल, पूर्व अध्यक्ष, गोग्स
जीवन रक्षक है मां का दूध
मां का दूध जिन बच्चों को बचपन में पर्याप्त रूप से पीने को नहीं मिलता, उनमें बचपन में शुरू होने वाली मधुमेह की बीमारी अधिक होती है। बुद्धि का विकास उन बच्चों में दूध पीने वाले बच्चों की अपेक्षाकृत कम होता है। इसलिए मां का दूध छह महीने तक बच्चे के लिए श्रेष्ठ ही नहीं, जीवन रक्षक भी होता है।
स्तनपान के यह हैं लाभ
– बच्चे को डायरिया जैसे रोग की संभावना कम हो जाती है।
-मां के दूध में मौजूद तत्व बच्चे की रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाते हैं।
-स्तनपान कराने से मां व बच्चे के मध्य भावनात्मक लगाव बढ़ता है।
– मां का दूध न मिलने पर बच्चे में कुपोषण व सूखा रोग की संभावना बढ़ जाती है।
– स्तनपान से मां को स्तन कैंसर की संभावना भी कम हो जाती है।
– मां का दूध पीने वाले बच्चे का तेजी से विकास होता है।
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