इन सडक़ों पर होना है काम हुरावली
-सचिन तेंदुलकर मार्ग चौराहे से ग्वालियर-झांसी हाइवे तक शहर को हाइवे से जोडऩे वाले मुख्य मार्ग को सही करने के लिए न नगर निगम ने कोई बेहतर कदम उठाया है और न पीडब्ल्यूडी ने इस सडक़ पर ढंग का काम किया है। बीते पांच साल में यह सडक़ बनी और बनने के बाद उखड़ भी गई। अब स्थिति यह है कि चौराहे से हाइवे तक हर पांच मीटर पर एक बड़ा गड्ढा है। यह गड्ढे भी ऐसे हैं, जिनमें छोटी कारों के चैंबर तक जमीन से टकरा जाते हैं। परिणाम यह है कि शहर से बाहर जाने वाले यातायात के दबाव को कम करने में सक्षम इस सडक़ पर वाहन न के बराबर निकलते हैं। खास बात यह है कि सामान्य वाहन चालकों द्वारा सडक़ की उपेक्षा किए जाने के बाद इसका इस्तेमाल रेत और गिट्टी लेकर शहर में आने वाले ट्रैक्टर-ट्रॉली और डंपर सबसे ज्यादा कर रहे हैं।
जड़ेरुआ -6 नंबर चौराहे से जड़ेरुआ तक
-मुरार से मुरैना, भिंड की ओर जाने वाले वाहनों का दबाव गोला का मंदिर या बड़ागांव की सडक़ से कम करने के लिए 6 नंबर चौराहे से जड़ेरुआ होकर सीधे हाइवे को जोडऩे वाली लिंक रोड बनाने की प्लानिंग हुई थी। इस प्लानिंग के बाद चौराहे से लेकर जड़ेरुआ बांध तक सडक़ के एक ओर हुए लगभग 130 स्थाई अतिक्रमण हटाने की कार्यवाही हुई थी। इस कार्यवाही के बाद लगभग 500 मीटर सडक़ पर गिट्टी बिछाई और आगे की सडक़ को जस का तस छोड़ दिया है। स्थानीय लोगों का कहना है कि बांध से पहले एक स्कूल, दो रास्तों के बीच हुए अतिक्रमण और एक नेता के मकान के हिस्से को बचाने के लिए नगर निगम के अधिकारियों ने कार्रवाई को अटका दिया है।
-यातायात को व्यवस्थित करने का काम हम कर रहे हैं, इन सडक़ों के निर्माण में कहां बाधा है, उसका भी पता लगाएंगे। हुरावली और जड़ेरुआ दोनों ही सडक़ों की फाइलों को मंगवाकर परीक्षण करेंगे।