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पुलिस के दोबारा आने में करीब आधा घंटे का समय लगा। अगर पहली सूचना पर आए पुलिसकर्मी बुजुर्ग को उसी समय अस्पताल पहुंचा देते तो संभव था उसकी जान बच जाती। ठेले वालों ने बताया कि बुजुर्ग उनके ठेले पर खाना खाने आते थे। पुलिस का कहना है मृतक की अभी शिनाख्त नहीं हो सकी है। ऐसा मालूम चल रहा है कि वह जालौन (यूपी) का रहने वाला है। फिलहाल शव को पीएम हाउस में रखवाकर मर्ग कायम कर उसके परिजनों का पता किया जा रहा है।
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स्लिप में लिखा नामबुजुर्ग के पास से एक स्लिप मिली, जिसमें बाबू सिंह नाम लिखा था,लेकिन कहां का रहने वाला है, उसके परिवार वाले कहां रहते हैं, इस बारे में कुछ जानकारी नहीं है।
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खाना खाने आते थे
कंपू पर ठेला लगाने वाले गिर्राज,रंजीत एवं उनके साथियों ने बताया, बुजुर्ग रोज उनके ठेले पर खाना खाने आते थे, इसलिए उन्हें शक्ल से पहचानते थे। बातचीत में वह खुद को रिटायर्ड फौजी बताते थे,लेकिन रैन बसेरा में रहते थे।
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अब नहीं करेंगे मदद
ठेले वालों ने फोन कर पुलिस को खबर दी थी। पुलिस ने ठेले वाले रंजीत से पूछताछ की तो उसने हड़बड़ी में मृतक का नाम रामदास बता दिया। गलत नाम बताने पर पुलिसकर्मी ने रंजीत को हडक़ाया। पीएम पर ठेले वालों में चर्चा थी कि पुलिस की मदद करो,कुछ गलत हो जाए तो उनकी फटकार सहो।