कमिश्नर ने बैठक में अधिकारियों को निर्देश दिए कि घरों से कचरा समय पर उठे और गंदगी के ढेरों को हटाया जाए, शहर को डस्टबिन फ्री बनाया जाए, गंदगी वाली जगहों को सेल्फी प्वॉइंट बनाया जाए, कचरा वाहनों की मॉनीटरिंग की जाए।
कमिश्नर के निर्देशों का कोई असर नहीं हुआ। अभी तक सभी वार्डों में कचरा गाडिय़ां नहीं जा रही हैं, शहर में लगे कचरे के ढेरों को भी नहीं हटाया गया है, कचरे वाली जगहों को सेल्फी प्वॉइंट में भी नहीं बदला गया है।
शहर में मुख्य मार्ग हों या कॉलोनी हर जगह कचरे के ढेर दिखाई देते हैं। जिन अधिकारियों को बैठकों में जिम्मेदारी दी गई, वह उसे नहीं निभा रहे हैं। यही कारण है कि पॉश कॉलोनियों तक में कचरा पड़ा है।
सिटी सेंटर: यह शहर का पॉश एरिया है, यहां स्थित सरस्वती नगर में कचरे का ढेर लगा है। गंदगी से लोग परेशान रहते हैं, कई बार शिकायत के बाद भी कचरा साफ नहीं हो सका।
स्टेडियम के पीछे: नगर निगम मुख्यालय से यहां की दूरी महज 500 मीटर की होगी, यहां कचरे का ढेर लगा हुआ है। गंदगी में जानवर मुंह मारते हैं, कई बार पॉलीथिन खाने से गाय भी बीमार हो जाती हैं।
तानसेन नगर: यहां कॉलोनी के बीच खाली पड़ी जगह में लगा कचरे का ढेर स्वच्छता सर्वेक्षण को मुंह चिढ़ाता हुआ दिख रहा है।
सफाई व्यवस्था को बेहतर करने के लिए अब वार्ड स्तर पर एक अधिकारी तैनात किया है। इन सभी को जिम्मेदारी दी है और सप्ताह के बाद कार्य की समीक्षा की जाएगी। सफाई व्यवस्था में लापरवाही बर्दाश्त नहीं की जाएगी।
संदीप माकिन, कमिश्नर नगर निगम