पुलिस मौके पर पहुंची और जांच की तो पता चला कि नकली नोट खाता धारक अविनाश जादौन द्वारा जमा कराए गए हैं। खाता जेएंडएस ट्रेडर्स के नाम पर 10 साल पुराना है। पुलिस ने अविनाश जादौन से संपर्क किया तो उसका कहना था कि उनकी सीमेंट एजेंसी है और किसी कस्टमर द्वारा भुगतान में नकली नोट दिए गए हैं। अब पुलिस इस मामले की जांच कर रही है।
वहीं बीते महीनों पहले भिंड जिले की पुलिस ने नकली नोट छापने वाले तीन आरोपियों को गिरफ्तार किया गया था। पकड़े गए आरोपियों के पास से दस लाख पांच हजार के नकली नोट समेत एक प्रिंटर बरामद हुआ है। पुलिस ने आरोपियों को अमायन इलाके के मडैयन नाका तिराहे से गिरफ्तार किया। भिंड पुलिस ने मुखबिर की सूचना पर इस कार्रवाई को अंजाम दिया।
बता दें कि पुलिस को जानकारी मिली थी कि कुछ लोग नकली नोट खपाने के उद्देश्य से अमायन इलाके के मडैयन नाका तिराहे के पास खड़े हैं. इस सूचना पर भिंड पुलिस ने मुखबिर द्वारा बताए गए स्थान पर पहुंचकर जब गिर्राज ढाबे के पीछे संदेहियों को देखा तो कुछ लोग नोट गिन रहे थे. पुलिस ने घेराबंदी कर उन्हें पकड़ लिया और उनकी तलाशी लेने पर उनके पास से दो दो हजार के नकली नोट बरामद किए।
पुलिस ने आरोपियों से जब सख्ती से पूछताछ की तो उन्होंने बताया कि वे प्रिंटर के सहारे नकली नोट छापने का काम कर रहे थे. ये आरोपी 30 हजार रुपये के बदले पांच लाख के नकली नोट बेचते थे. नोट खपाने के लिए उनके सहयोगी गुजरात भी जाते थे. नोट खपाने से पहले नोट को पुराने जैसा कर दिया जाता था, उस पर पेंसिल से कुछ लिखकर ऐसा बना दिया जाता था, जैसे यह नोट पहले भी कई बार चल चुका है।
ऐसे पहचाने असली नोट
सबसे पहले आपको बता दें कि 100 रुपये के असली नोट पर सामने वाले दोनों हिस्से पर देवनागरी में 100 लिखा है। वहीं नोट के बीच में महात्मा गांधी की फोटो लगी है। इसके अलावा असली नोट पर RBI, भारत, INDIA और 100 छोटे अक्षरों में लिखा है। साथ ही नोट को मोड़ने पर नोट में लगे तार का रंग बदलेगा और वह हरे से नीला हो जाएगा। इसके अलावा असली नोट पर 100 का वॉटरमार्क भी है। वहीं नोट के पीछे छपाई का वर्ष, स्लोगन, अलग-अलग भाषाओं में सौ रुपया और अशोक स्तंभ बना हुआ है।