अपर ककेटो और ककेटो एवं पेहसारी इन तीनों बाधों में करीब 4775 एमसीएफटी पानी है, जिसमें से करीब 600 एमसीएफटी पानी सिंचाई के लिए वर्तमान में दिया जा रहा है। शेष 4175 एमसीएफटी पानी बचता है, जिसमें से करीब 2300 एमसीएफटी पानी उक्त बाधों के डेड स्टोरेज में रहेगा, जिसे जल संकट के दौरान पंप किया जा सकता है। इसके अलावा करीब 1875 एमसीएफटी पानी तिघरा के लिए छोड़ा जाएगा। इसमें से लीकेज, सीपेज, किसानों से बचा हुआ शेष पानी करीब 1100 से 1200 एफसीएफटी ही तिघरा पहुंच सकेगा, जिसे पहुंचने में सवा 70 दिन का समय लग जाएगा।
-पेहसारी में मौजूद पानी को ग्रेविटी के जरिए तिघरा में पहुंचाने का काम शुरू कर दिया है। नहर पुरानी होने से पूरी क्षमता से पानी नहीं छोड़ा जा सकता। अप्रैल माह तक पानी की सप्लाई जारी रहेगी, इससे तिघरा का वर्तमान लेवल मेंटेन रहेगा।
राजेश चतुर्वेदी, कार्यपालन यंत्री जल संसाधन विभाग।