scriptशहर की प्यास बुझाने पेहसारी से छोड़ा 8.5 एमसीएफटी पानी, 72 घंटे में पहुंचेगा तिघरा में | 8.5 mcft of water left from pehsari, extinguish the city's thirst, wil | Patrika News

शहर की प्यास बुझाने पेहसारी से छोड़ा 8.5 एमसीएफटी पानी, 72 घंटे में पहुंचेगा तिघरा में

locationग्वालियरPublished: Feb 05, 2019 12:37:41 am

Submitted by:

Rahul rai

प्रतिदिन करीब 10 से 12 एमसीएफटी पानी अगले 70 दिनों तक तिघरा में पहुंचेगा, जो तिघरा के वर्तमान लेवल को न तो नीचे जाने देगा न ही अधिक ऊपर उठेगा, लेवल मेंटेन रखेगा

pehsari water

शहर की प्यास बुझाने पेहसारी से छोड़ा 8.5 एमसीएफटी पानी, 72 घंटे में पहुंचेगा तिघरा में

ग्वालियर। शहर की प्यास बुझाने के लिए पेहसारी बांध से तिघरा के लिए सोमवार को पानी छोडऩा शुरू कर दिया है। पहले दिन करीब 8.5 एमसीएफटी पानी छोड़ा गया है, जो अगले 72 घंटे में तिघरा बांध तक पहुंचेगा। मंगलवार को 15 और बुधवार को 25 एमसीएफटी पानी छोड़ा जाएगा। इसके साथ ही पानी के बहाव, दबाव का नहर पर असर चेक किया जाएगा, इसके बाद आगे पानी की मात्रा बढ़ानी है या नहीं, इस पर निर्णय होगा।
अफसरों की मानें तो प्रतिदिन करीब 10 से 12 एमसीएफटी पानी अगले 70 दिनों तक तिघरा में पहुंचेगा, जो तिघरा के वर्तमान लेवल को न तो नीचे जाने देगा न ही अधिक ऊपर उठेगा, लेवल मेंटेन रखेगा। ज्ञात हो कि तिघरा करीब 5 फीट से अधिक खाली हो चुका है। अगर बारिश के मौसम में बरसात कम हुई तो ऊपर के बांध ककेटो और पेहसारी के डेड स्टोरेज से पंप करने की नौबत भी अगले वर्ष तक आ सकती है। अगर ऐसा हुआ तो फिर से करीब 10 करोड़ रुपए जल संकट से निपटने के नाम पर खर्च करने पड़ सकते हैं।
ऐसे समझें पानी का हिसाब
अपर ककेटो और ककेटो एवं पेहसारी इन तीनों बाधों में करीब 4775 एमसीएफटी पानी है, जिसमें से करीब 600 एमसीएफटी पानी सिंचाई के लिए वर्तमान में दिया जा रहा है। शेष 4175 एमसीएफटी पानी बचता है, जिसमें से करीब 2300 एमसीएफटी पानी उक्त बाधों के डेड स्टोरेज में रहेगा, जिसे जल संकट के दौरान पंप किया जा सकता है। इसके अलावा करीब 1875 एमसीएफटी पानी तिघरा के लिए छोड़ा जाएगा। इसमें से लीकेज, सीपेज, किसानों से बचा हुआ शेष पानी करीब 1100 से 1200 एफसीएफटी ही तिघरा पहुंच सकेगा, जिसे पहुंचने में सवा 70 दिन का समय लग जाएगा।
छोड़ दिया है पानी
-पेहसारी में मौजूद पानी को ग्रेविटी के जरिए तिघरा में पहुंचाने का काम शुरू कर दिया है। नहर पुरानी होने से पूरी क्षमता से पानी नहीं छोड़ा जा सकता। अप्रैल माह तक पानी की सप्लाई जारी रहेगी, इससे तिघरा का वर्तमान लेवल मेंटेन रहेगा।
राजेश चतुर्वेदी, कार्यपालन यंत्री जल संसाधन विभाग।
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