scriptट्रॉमा सेंटर में 12 में से 8 वेंटिलेटर खराब, गंभीर मरीज बढऩे पर बिगड़ते हैं हालात | 8 of the 12 ventilators in the trauma center worsened at worse, severe | Patrika News

ट्रॉमा सेंटर में 12 में से 8 वेंटिलेटर खराब, गंभीर मरीज बढऩे पर बिगड़ते हैं हालात

locationग्वालियरPublished: Apr 27, 2019 07:16:24 pm

Submitted by:

Rahul rai

12 वेंटिलेटर में से 8 खराब पड़े हुए हैं। ऐसी स्थिति में गंभीर मरीजों की संख्या बढऩे पर हालात गंभीर हो जाते हैं। ट्रॉमा सेंटर में वेंटिलेटर पुराने होने से नए मंगाने का प्रस्ताव राज्य शासन को भेजा गया था, लेकिन अभी तक नए वेंटिलेटर नहीं आ पाए हैं।

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ट्रॉमा सेंटर में 12 में से 8 वेंटिलेटर खराब, गंभीर मरीज बढऩे पर बिगड़ते हैं हालात

ग्वालियर। जयारोग्य चिकित्सालय के टॉमा सेंटर में व्यवस्थाएं गड़बड़ा रही हैं। यहां 12 वेंटिलेटर में से 8 खराब पड़े हुए हैं। ऐसी स्थिति में गंभीर मरीजों की संख्या बढऩे पर हालात गंभीर हो जाते हैं। ट्रॉमा सेंटर में वेंटिलेटर पुराने होने से नए मंगाने का प्रस्ताव राज्य शासन को भेजा गया था, लेकिन अभी तक नए वेंटिलेटर नहीं आ पाए हैं। इनकी मांग जेएएच प्रशासन लंबे समय से कर रहा है, लेकिन शासन से इनकी स्वीकृति नहीं मिल पाई है।
यहां सीनियर डॉक्टरों की सेवाएं भी मरीजों को पर्याप्त नहीं मिल रही हैं, जूनियर डॉक्टर ही अधिक सेवाएं दे रहे हैं। ट्रॉमा सेंटर के अलावा जेएएच के दूसरे विभागों में भी वेंटिलेटर की कमी से व्यवस्थाएं गड़बड़ा रही हैं। ठीक न होने की वजह चुनाव आचार संहिता जेएएच के ट्रॉमा सेंटर में 12 वेंटिलेटर हैं, उनमें से आधे से अधिक पुराने हैं, इनमें 8 खराब पड़े हैं। इनके ठीक न होने के पीछे चुनाव आचार संहिता लगी होना बताया जा रहा है।
तोमर और साधो ने जताई थी नाराजगी
जेएएच के ट्रॉमा सेंटर में वेंटिलेटर की कमी होने से चरमराती व्यवस्थाओं को केन्द्रीय मंत्री नरेन्द्र सिंह तोमर और प्रदेश की चिकित्सा एवं शिक्षा मंत्री डॉ. विजय लक्ष्मी साधो द्वारा अपने प्रवास के दौरान नाराजगी जाहिर कर वेंटिलेटरों को दुरुस्त कराने के निर्देश दिए गए थे, इसके बाद भी वेंटिलेटर ठीक नहीं हो पाए।
एक बजे के बाद ही हो पाते हैं एक्सरे
ट्रॉमा सेंटर में एक्सरे मशीनें भी मौजूद हैं, लेकिन यहां दोपहर एक बजे के बाद ही मरीजों के एक्सरे होते हैं। इससे पहले आने वाले मरीजों को एक्सरे के लिए रेडियोलॉजी तक जाना पड़ता है। रेडियोलॉजी में मरीजों की संख्या अधिक होने से एक्सरे कराने में काफी समय लग जाता है।
दवा व पट्टियां मंगा रहे हैं बाहर से
शासन के नियम हैं कि गरीबों व बीपीएल सूची धारियों को दवा व पट्टी आदि अस्पताल से ही दी जाएंगी, लेकिन यहां कमीशन के चक्कर में कुछ डॉक्टर पर्ची लिखकर बाहर से दवाई मंगा रहे हैं। इसकी कई बार शिकायत की गई, लेकिन कोई असर नहीं हुआ।
नियुक्ति की शिकायत
जेएएच के ट्रॉमा सेंटर के नोडल अधिकारी डॉ.समीर गुप्ता हैं, उनके पुत्र डॉ.अनुराग गुप्ता की हाल ही में मेडिकल कॉलेज के डीन की देखरेख में एसआर के पद पर नियुक्ति हुई है, जिसे नियम विरुद्ध बताकर शिकायत चिकित्सा एवं शिक्षा मंत्री डॉ. विजय लक्ष्मी साधो और सीएमई से की गई है।
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