तब घपले की पड़ताल की। पंप पर लगे सीसीटीवी के फुटेज चैक किए तो उनमें स्टाफ वाहनों में तेल भरता तो दिखा लेकिन उसका हिसाब नहीं बता पाया। चोरी में शामिल कर्मचारियों की चुप्पी को पंप मालिक भांप गए।
अमानत में खयानत करने वालों से कहा जो पैसा चुराया उसे चुपचाप लौटा दो, नहीं तो पुलिस पैसा निकलवाएगी। लेकिन पैसा डकार गए कर्मचारी ने गलती नहीं मानी तो पुलिस से शिकायत की। इंद्रमणि नगर में रहने वाले कमल दुबे का यादव धर्मकांटा, हजीरा पर पेट्रोल पंप है। गोसपुरा निवासी प्रदीप कुशवाह पंप का मैनेजर है। उसकी जिम्मेदारी दिन पर भी बिक्री का हिसाब रखना और सारा पैसा बैंक में जमा कराना है।
प्रदीप ने काम संभाल कर कमल का भरोसा हासिल कर लिया था। इसी बूते पर प्रकाश उपाध्याय और अजय वर्मा को पंप पर नौकरी दे दी। कमल ने भी उसके कहने पर दोनों को सेल्समेन का काम थमा दिया।
पुलिस ने बताया कुछ दिन पहले कमल के परिवार में गमी हो गई। इसलिए उनका पंप पर आना बंद हो गया। प्रदीप ने इसका फायदा उठाया। अजय और प्रकाश से सांठगांठ की। तय किया सेठ तो घर पर है। इस दौरान कितने का पेट्रोल डीजल बेचेंगे इसकी जानकारी उन्हें नहीं होगी।
जितना फायदा उठाना है उठा लो। प्लान के तहत अजय और प्रकाश तेल बेचते रहे। जो पैसा आया उसे प्रदीप को थमाया लेकिन बैंक में जमा नहीं किया। कमल को यही बताते रहे काम ठीक चल रहा है।
अब कमल वापस लौटे तब तीनों का फरेब पता चला। उनकी शिकायत पर हजीरा पुलिस ने मैनेजर प्रदीप सहित तीनों कर्मचारियों पर अमानत में खयानत का केस दर्ज किया।