तालाब : मंत्री को बताया गया था, जिले में 444 तालाबों का निर्माण पूरा कर लिया गया है। 141 का निर्माण शीघ्र पूरा होगा। हकीकत यह है कि जिन तालाबों के निर्माण की बात हुई थी, उनमें से एक भी ठीक से नहीं भर पाया है। नवंबर तक पानी टिकना मुश्किल है।
आवारा पशु : मंत्री ने कहा था, आवारा पशुओं को विस्थापित करने के लिए अभियान चलाया जाए। हकीकत यह है कि शहर की लगभग प्रत्येक सडक़ पर गाय-बैल घूम रहे हैं। इससे यातायात अवरुद्ध होता है, दुर्घटनाएं भी होती हैं।
स्वर्ण रेखा पर रिंग रोड : लश्कर में यातायात का दबाव कम करने पिछली बैठक में स्वर्ण रेखा के दोनों ओर रिंग रोड बनाने पर सहमति बनी थी। एक महीने में काम शुरू करने का दावा किया गया था, लेकिन काम शुरू नहीं हो पाया है।
प्रदूषण : प्रदूषण कम करने के लिए इ-रिक्शा को बढ़ावा देने की योजना पर काम तो हुआ, लेकिन काला धुआं उगल रहे टेंपो बंद नहीं हो सके।
गंदा पानी : जून में हुई बैठक में ग्वालियर दक्षिण के विधायक प्रवीण पाठक ने प्रभारी मंत्री सिंघार से कहा था कि जानबूझकर लोगों को पानी के लिए परेशान किया जा रहा है। विधायक के समर्थक गंदा पानी लेकर प्रभारी मंत्री के पास पहुंच गए थे। इसके बाद भी निगम गंदे पानी की समस्या का निदान नहीं कर पाया है।
मिलावट : मंत्री ने मिलावट खोरों पर कार्रवाई के लिए निर्देश दिए थे। इसके बाद अभी तक प्रशासन और खाद्य सुरक्षा अधिकारियों ने लगभग हर दिन कार्रवाई की है, लेकिन मिलावट पर लगाम लगाने में विफल रहे हैं।