ग्वालियर से चलने वाली ट्रेनों में से तीन ट्रेनों में इसी माह ठेका बदला है। बरौनी एक्सप्रेस, चंबल एक्सप्रेस और सुशासन एक्सप्रेस में अभी तक रेलवे के कर्मचारी यात्रियों को बेडरोल देते थे, लेकिन इस माह से इन ट्रेनों में भी ठेका दे दिया गया है। अब सभी ट्रेनों में बेडरोल ठेकेदार के कर्मचारी ही दे रहे हैं।
बुंदेलखंड एक्सप्रेस, चंबल एक्सप्रेस, रतलाम इंटरसिटी, बरौनी एक्सप्रेस, भोपाल इंटरसिटी,
पूना ग्वालियर, कोटा पैसेंजर, अहमदाबाद एक्सप्रेस का संचालन ग्वालियर से होता है।
एक साल में एसी कोच से यह सामान हुआ चोरी
(रेलवे के आंकड़ों के अनुसार)
चादर – 5876
कंबल – 509
पिलो कवर – 4000
टॉवेल – 9600
ऐसे कटते हैं कर्मचारियों के पैसे
जितने बेडरोल ट्रेन जाते समय चढ़ाए जाते हैं, उतने ही वापस आने चाहिए। अगर बेडरोल कम हो जाते हैं तो रेलवे संबंधित कर्मचारी के वेतन से पैसे काटता है, जिसमें कंबल के 363 रुपए 75 पैसे, बेडशीट के167 रुपए , टॉवेल के 31 रुपए 30 पैसे, पिलो कवर के 28 रुपए 20 पैसे कर्मचारी के वेतन से काटे जाते हैं।
सबसे ज्यादा टॉवेल की चोरी
रेलवे कर्मचारियों के मुताबिक एसी कोच में सबसे अधिक टॉवेल चोरी होती हैं। यात्री बेडरोल के साथ टॉवेल लेकर उपयोग करता है और अपने बैग में रख लेता है। एक साल में 9600 टॉवेल की चोरी हुई है।