एक बार जोरदार बारिश हो गई तो उनके घरों में पानी भरना तय है। हालात करीब 12 साल से यही हैं। बारिश लोग अपने स्तर पर घरों में भरे पानी से जूझते हैं।
एक कालोनी ऐसी जहां बारिश से डरते हैं लोग?
ग्वालियर. बारिश ने गर्मी से राहत तो दी है। किसानों के लिए अमृत का काम करती है लेकिन शहर में एक कालोनी ऐसी भी जहां बारिश होने से लोग डरते हैं। क्योंकि बारिश उनके लिए मुसीबत बन कर आती है। लेकिन नगर निगम की लापरवाही कई बस्तियों में लोगों के लिए मुसीबत बन चुकी है। ढोलीबुआ का पुल पर रहने वाले लोग तो बरसात के नाम से डरते हैं, क्योंकि एक बार जोरदार बारिश हो गई तो उनके घरों में पानी भरना तय है। हालात करीब 12 साल से यही हैं। बारिश लोग अपने स्तर पर घरों में भरे पानी से जूझते हैं। जगदीश गोस्वामी निवासी ढोली बुआ का पुल ने बताया कि नगर निगम से लेकर प्रदेश में कई निजाम और सरकार बदल गईं, लेकिन ढोली बुआ की बस्ती के हालात नहीं सुधरे। यहां बरसात का मतलब आफत हो चुका है। आधे घंटे तेज बारिश हो गई तो समझो कि बस्ती के करीब 50 घरों में पानी भरना तय है। क्योंकि बारिश के पानी के लिए निकास ही नहीं है और इलाके में बजरिया, लोहागढ़, बाईसाहब की परेड, जटार गली, निगम वर्कशाप का पानी आता है, तेज बारिश में कुछ मिनट में इलाका जलमग्न हो जाता है। इससे सडक़ तो लबालब होती है घरों के अंदर भी कई फीट पानी भर जाता है। इससे अंदर रखा सामान खराब होता है। जिनके मकान दो मंजिल हैं वह तो ऊपरी मंजिल पर चढ़ जाते हैं लेकिन कई लोगों के घर एक मंजिल हैं उन्हें पानी निकालने का तरीका ढूंढना पड़ता है।
दरअसल हालात इसलिए बिगड़े हैं कि बस्ती की सडक़ को कई बार बनाया गया है इससे सडक़ ऊंची हो गई है और आधा सैंकड़ा से ज्यादा मकान नीचे रह गए हैं। बरसात में सारा पानी बहकर घरों की तरफ आता है। कई बार निगम अधिकारियों को बता दिया, हालात के फोटो भी दिखा दिए लेकिन कोई नतीजा नहीं हुआ। उनसे कहा कि यहां पानी निकास के लिए नाला बना दो जिससे सारा पानी स्वर्ण रेखा में चला जाए, लेकिन कोई नहीं सुनता। तमाम मकान पुराने हैं खुटका रहता है कि बारिश का पानी घरों में भरने से हादसा नहीं हो जाए।