व्यक्ति अच्छे काम करना नहीं चाहता, पर अच्छे फलों की रखता है चाहत
ग्वालियरPublished: Dec 17, 2019 11:50:32 pm
– नई सडक़ स्थित तेरहपंथी धर्मशाला में आचार्य विशुद्ध सागर ने धर्मसभा को संबोधित करते हुए कहा
व्यक्ति अच्छे काम करना नहीं चाहता, पर अच्छे फलों की रखता है चाहत
ग्वालियर. व्यक्ति अच्छे कार्य करना नहीं चाहता और अच्छे कार्यों के फल को चाहता है। पुण्य करना नहीं चाहता, पाप छोडऩा नहीं चाहता, पर पुण्य का फल प्राप्त करना चाहता है। सुख चाहने से सुख नहीं मिलता। दु:ख के कारणों को छोडक़र सुखभूत कार्यों एवं पवित्र विशुद्ध परिणामों से सुख प्राप्त होता है। जो उत्तम सुख की प्राप्ति करा दे वही धर्म है। दया से विशुद्ध होता है, वही सही धर्म है। यह विचार आचार्य विशुद्ध सागर ने मंगलवार को नई सडक़ स्थित तेरहपंथी धर्मशाला में धर्मसभा को संबोधित करते हुए व्यक्त किए। उन्होंने आगे कहा कि श्रद्धा की आंख जिसके पास है वही पूज्य पुरूषों में पूज्यता देख पाता है। श्रद्धा से अंध मानव सत्य धर्म को भी स्वीकार नही कर पाता है।
भगवान शांतिनाथ का किया महामस्तकाभिषेक
श्री दिगम्बर जैन बीसपंथी बड़ा मंदिर प्रबंधक कमेटी की ओर से आचार्य विशुद्ध सागर एवं 24 साधुओं के सानिध्य में श्रद्धालुओं ने शांतिनाथ भगवान पंचअमृत से महामस्तकभिषेक किया। गैंडेवाली सडक़ स्थित 21 फुट की विशाल प्रतिमा भगवान शांतिनाथ पंचअमृत महामस्तकभिशषेक में हजारों इन्द्रों ने सिर पर मुकुट लगाकर व पीले वस्त्र धारण कर इसे किया। विशुद्ध सागर ने मंत्रोच्चारण के साथ शांन्तिधार कराई। भगवान शांतिनाथ की अष्ट्रद्रव्य से पूजा अर्चना की गई। सैमी म्यूजिक संगीत पार्टी गुप के शुभम जैन ने कलश ढारो रे ढारो नर नरि…छोटे बाबारे पाधरो मोरे अंगान रे…नमि झूले पालन नेक होले झोंक दिजो….भजनों की प्रस्तुति दी।
आज जन्मोत्सव मनेगा
दिगंबर जैन जागरण युवा संघ एवं सकल जैन समाज के तवात्वधान में 18 दिसंबर को आचार्य विशुद्ध सागर का जन्मोत्सव मनाया जाएगा। जैन छात्रावास में दोपहर 1 बजे से 24 साधुओं के पिच्छी के सानिध्य में कार्यक्रम किया जाएगा।