अहंकार विनाश का सूचक, संसार का त्याग करना है सबसे बड़ा पराक्रम
ग्वालियरPublished: Mar 13, 2020 11:19:47 pm
– गोपाचल पर्वत जैन मंदिर में मुनि विहर्ष सागर के प्रवचन
अहंकार विनाश का सूचक, संसार का त्याग करना है सबसे बड़ा पराक्रम
ग्वालियर. मनुष्य दिनभर इस नश्वर काया को संवारने में लगा रहता है, लेकिन यह काया आपका साथ नहीं देगी। यह काया किराए के मकान के समान समझना चाहिए। आज लोगों में मोह रूपी नशा चढ़ा हुआ है। संसार का सबसे बड़ा पराक्रम संसार का त्याग करना है। अहंकार विनाश का ***** है। उक्त उद्गार जैन मुनि विहर्ष सागर ने शुक्रवार को फूलबाग स्थित गोपाचल पर्वत दिगंबर जैन मदिर में धर्मसभा में व्यक्त किए। इस मौके पर मुनि विजयेश सागर एवं क्षुल्लक विश्वोत्तर महाराज मौजूद थे।
मुनि विहर्ष सागर ने कहा कि अहंकार मनुष्य को परमात्मा से दूर ले जाता है। मनुष्य का शरीर उसे भक्ति के लिए मिलता है लेकिन मन उसकी इंद्रियों को स्थिर नहीं रहने देता व एक क्षण में ही मनुष्य को संसार में कहीं भटका देता है। इसे वश में करने के लिए परमात्मा के नाम का अंकुश जरूरी है।
पंचकल्याणक आव्हान के लिए बाइक रैली 14 को
जैन समाज के प्रवक्ता सचिन जैन ने बताया ंिक 15 से 20 मार्च तक फूलबाग मैदान में होने जा रहे पंचकल्याण महोत्सव की व्यवस्थाओं के संबंध में बैठक का आयोजन किया गया। वहीं 14 मार्च को सुबह 7 बजे से गोपाचल से पंचकल्याणक महोत्सव का आव्हान करने के लिए बाइक रैली निकाली जाएगी। रैली मुरार, चेतकपुरी, ओल्ड हाईकोर्ट, नया बाजार, दौलतगंज आदि जगहों से होती हुई नई सडक़ चंपाबाग धर्मशाला पहुंचकर संपन्न होगी।