शहर के प्रसिद्ध अचलेश्वर महादेव मंदिर के निर्माण पूरा होने की एक साल से श्रद्धालु इंतजार कर रहे हैं। मंदिर निर्माण में बार-बार आने वाली बाधाओं से श्रद्धालु निराश हो रहे थे। न्यास के पदाधिकारी व कार्यकारिणी सदस्यों में सहमति न बन पाने से शिकवे शिकायतों का दौर चल रहा था। धीरे-धीरे शिकायतों के बीच मंदिर निर्माण पूरा करने पर जोर दिया गया। पिछले एक महीने से मंदिर के 12 खंभे तैयार हो रहे थे, जो अब खड़े कर लिए गए हैं।
सावन महीने में खंभों के ऊपर तिरपाल डालकर मंदिर को कवर किया जाएगा जिससे बारिश में महादेव न भींगें व श्रद्धालुओं को पूजा अर्चना में बारिश बाधा न पहुंचाए। इन मंदिर के गुलाबी पत्थरों के इन पोलों में नक्काशी की जा रही है। मंदिर के निर्माण पर अब तक सवा करोड़ खर्च किया जा चुका है। राजस्थान के 12 कारीगर और मजदूरों की टीम सुबह 8 बजे से लेकर शाम 6 बजे तक काम कर रही है।
24 महीने में काम होना था पूरा
मंदिर निर्माण का काम बीते साल अगस्त महीने में शुरू कर दिया गया था। इसके बाद निर्माण एजेंसी की लेटलतीफी व न्यास के पदाधिकारियों की खींचतान की वजह से निर्माण कार्य कई बार रूका। निर्माण एजेंसी को टेंडर शर्त के मुताबिक 24 महीने में मंदिर निर्माण पूरा करना है। अब तक 10 महीने का समय व्यतीत हो गया है, इसलिए मंदिर निर्माण में तेजी लानी होगी।
मंदिर निर्माण का काम बीते साल अगस्त महीने में शुरू कर दिया गया था। इसके बाद निर्माण एजेंसी की लेटलतीफी व न्यास के पदाधिकारियों की खींचतान की वजह से निर्माण कार्य कई बार रूका। निर्माण एजेंसी को टेंडर शर्त के मुताबिक 24 महीने में मंदिर निर्माण पूरा करना है। अब तक 10 महीने का समय व्यतीत हो गया है, इसलिए मंदिर निर्माण में तेजी लानी होगी।
मंदिर निर्माण जल्द पूरा कराए जाने का प्रयास किए जा रहे हैं। अब तक 12 खंबे खड़े हो चुके है। सावन महीन में मंदिर को कवर कर बारिश से सुरक्षित किया जाएगा।
हरिदास अग्रवाल, अध्यक्ष, अचलेश्वर महादेव मंदिर न्यास