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प्रदेश के 1106 डॉक्टर पर कार्रवाई की तलवार, सरकार कर रही है तैयारी

locationग्वालियरPublished: Mar 11, 2022 07:28:32 pm

Submitted by:

Hitendra Sharma

एक डॉक्टर को लगभग दस लाख रुपए जमा करने होंगे, गांव में ड्यूटी नहीं करने वाले 1106 डॉक्टर डिफाल्टर घोषित

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ग्वालियर. एमबीबीएस और पीजी करने वाले मध्यप्रदेश के विभिन्‍न मेडिकल कॉलेजों के 1106 डॉक्टरों को डिफाल्टर घोषित कर दिया गया है।यह वे डॉक्टर हैं, जिन्होंने एमबीबीएस और पीजी करने के बाद गांव में अपनी सेवाएं नहीं दी हैं। यह सभी डॉक्टर यदि शर्तों के आधार पर शासन को पैसा जमा करते हैं तो ठीक, वरना मध्यप्रदेश मेडिकल काउंसिल पंजीयन निरस्त कर देगी।

ग्वालियर के गजरा राजा मेडिकल कॉलेज (GRMC) में ऐसे डॉक्टरों की संख्या 186 है। डॉक्टर गांवों में सेवाएं देने के बजाय शहरी क्षेत्रों में काम कर रहे हैं। इसकी बड़ी वजह यहां मरीजों से मिलने वाली फीस है। डॉक्टरों को डिफाल्टर की लिस्ट में सबसे ज्यादा भोपाल मेडिकल कॉलेज के डॉक्टर हैं।

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15 दिन का दिया समय
इन डिफाल्टर डॉक्टरों को 15 दिन के अंदर बॉण्ड के हिसाब से शुल्क जमा करना होगा। डॉक्टरों को नोटिस जारी होते ही खलबली मच गई है। इनमें से कुछ डॉक्टर तो बड़े शहरों में इलाज कर रहे हैं। जीआरएमसी प्रवक्ता, डॉ. अमित निरंजन ने कहा कि एमबीबीएस या पीजी करने वालों को बॉण्ड भरना होता है। इन लोगों ने शर्त का पालन नहीं किया है। इसलिए इन्हें डिफाल्टर घोषित किया है।

समझें…क्या कहता है नियम
मेडिकल कॉलेज से एमबीबीएस और पीजी करने वाले छात्रों को एक साल गांव में रहकर शासकीय सेवा देना अनिवार्य है। अगर कोई गांव में सेवा नहीं करता है तो उसे शासन की निर्धारित बॉण्ड राशि जमा करनी होती है। यह राशि समय-समय पर बढ़ती जाती है। वर्ष 2006 में यह राशि दो लाख थी। फिर पांच लाख और अब पिछले पांच साल से दस लाख रुपए हो गई है।

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