दरअसल, सीएम के निर्देश के बाद शहर में एंटी माफिया अभियान चलाकर सरकारी जमीनों से कब्जा हटाने के लिए कार्रवाई की तैयारी की जा रही है। प्रशासन, नगर निगम के अधिकारियों ने बैठक कर करीब 150 पॉइंट चिह्नित किए गए हैं। इन सभी पॉइंट्स पर सरकारी जमीन कब्जाकर निजी या व्यावसायिक उपयोग में लिए जाने की जानकारी सामने आई है। इसी कार्रवाई के बीच कांग्रेस प्रदेश उपाध्यक्ष अशोक सिंह के परिजन द्वारा संचालित बालाजी मैरिज गार्डन में भी करीब दो बीघा सरकारी जमीन होने की जानकारी सामने आने पर प्रशासनिक अमले ने एडीएम आशीष तिवारी के नेतृत्व में कार्रवाई की। उपद्रव होने की आशंका में भारी संख्या में पुलिस बल को भी मौके पर बुला लिया गया था। इसके बाद निगम के मदाखलत अमले को तुड़ाई के निर्देश दिए गए थे। हालांकि, गार्डन संचालकों ने वकील को स्टे के साथ तुरंत बुला लिया था, लेकिन तब तक स्ट्रक्चर तोड़ दिया गया। कार्रवाई के दौरान एडीएम के अलावा अपर आयुक्त नगर निगम मुकुल गुप्ता, एसडीएम विनोद भार्गव, अनिल बनवारिया, तहसीलदार ममता शाक्य, नायब तहसीलदार कुलदीप दुबे के अलावा सीएसपी रत्नेश तोमर की अगुवाई में पुलिस के जवान सुरक्षा के लिए मौजूद थे।
24 घंटे की मोहलत
कार्रवाई के दौरान ही गार्डन संचालक के अभिभाषक आरके सोनी हाईकोर्ट का स्टे लेकर पहुंच गए। उन्होंने बताया चार सर्वे नंबरों को लेकर हाईकोर्ट में प्रकरण चल रहा है, अभी सुनवाई जारी है। इसके बाद एडीएम ने अन्य अधिकारियों से बातचीत करके सीमांकन का नोटिस तामील कराने के निर्देश दिए। उन्होंने 24 घंटे का समय दिया है। एडीएम के जाने के बाद एसडीएम विनोद भार्गव और तहसीलदार ममता शाक्य की मौजूदगी में राजस्व कर्मी ने मौके पर ही नोटिस तैयार किया, लेकिन जब नोटिस तामील कराने की बारी आई तो परिजन ने लेने से मना कर दिया।
न्यायालय में है प्रकरण
मौके पर मौजूद वकील ने बताया कि सर्वे नंबर 914,915,917,918 एवं 1937/1 को लेकर उच्च न्यायालय में प्रकरण चल रहा है। इन नंबर्स पर पक्षकार हरचरण, अशोक सिंह, रमको बाई, जण्डेल सिंह, श्याम बाबू एवं राजेश सिंह ने वाद दायर किया है। मामला विचाराधीन होने के बाद भी कार्रवाई की गई है।
सीमांकन पर विवाद
तहसीलदार ममता शाक्य के निर्देश पर जब मौके पर मौजूद लोगों को कार्रवाई का नोटिस देने की तैयारी की गई तो गार्डन संचालक के परिजन ने नोटिस लेने से मना कर दिया। परिजन का कहना था कि 6 बीघा से अधिक भूमि को लेकर कई वर्षों से प्रकरण जारी है। चार बार सीमांकन हो चुका है। हर बार पुराने कुएं को आधार मानकर नाप होती है। इस बार नया फॉर्मूला निकाला गया है। जिस फॉर्मूले से प्रशासन सीमांकन कराने की बात कह रहा है, उस हिसाब से गलत है। इसके अलावा एप पर देखकर सीमांकन नहीं किया जा सकता है।
एडीएम आशीष तिवारी ने बताया सरकारी जमीन पर गार्डन बने होने की शिकायत मिली थी। इसी आधार पर कार्रवाई की गई है। गार्डन संचालक ने उच्च न्यायालय में प्रकरण दर्ज होने की बात कही है, हमने संचालक को दस्तावेज दिखाने एवं सीमांकन संबंधी कार्रवाई के लिए 24 घंटे का समय दिया है। इसके बाद विधि अनुसार कार्रवाई की जाएगी।
कांग्रेस प्रदेश उपाध्यक्ष अशोक सिंह ने कहा कि प्रशासन की यह कार्रवाई द्वेषपूर्ण है, सरकार बदला लेने की मंशा से कार्रवाई कर रही है। इस जमीन का सीमांकन कई बार हो चुका है। उच्च न्यायालय का स्टे भी है। इसके बावजूद कार्रवाई होना समझ से परे है।