ग्रामीणों के साथ कलेक्ट्रेट पहुंचे सरपंच को एडीएम ने धमकाया, वीडियो वायरल
मुरैना. खाद्यान्न वितरण में आ रही समस्याओं को लेकर ग्रामीणों के साथ आए ग्राम पंचायत कट्टौली (कैलारस) के सरपंच को अपर कलेक्टर उमेशप्रकाश शुक्ला द्वारा हड़काए जाने का वीडियो वायरल हुआ है। इसमें एडीएम सरपंच को नेतागिरी करने और एफआईआर कराने की धमकी देते दिखाई और सुनाई दे रहे हैं। जब यह वीडियो वायरल हुआ तो मुरैना विधायक राकेश मावई ने मामला विधानसभा में भी उठाया

मावई ने ध्यानाकर्षण के माध्यम से कहा है कि जनपद पंचायत कैलारस की ग्राम पंचायत कट्टौली के ग्रामीणों को राशन नहीं मिल रहा है। यह समस्या लेकर वे मुरैना कलेक्ट्रेट पहुंचे तो गेट पर एडीएम शुक्ला मिल गए। शुक्ला ने लोगों से पूछताछ की तो पता चला कि ग्राम पंचायत कट्टौली व वाल्हेरा के सरपंच ग्रामीणों के साथ राशन न मिलने की समस्या लेकर आए हैं। इसी बात पर एडीएम भड़क गए और कहने लगे कि किसकी अनुमति से आए हो। बिना अनुमति कलेक्ट्रेट में नहीं आ सकते और एफआईआर कराने की धमकी दी। यह भी कहा कि अभी सरपंची निकालता हूं। इस पर कट्टौली के सरपंच ने कहा कि यह गरीब जनता है और इसे राशन नहीं मिल रहा है। इस पर एडीएम ने कहा कि जनता क्या होती है, तुम लोग इनके दम पर नेतागिरी करते हो और वोट के लिए यह सब कर रहे हो। वाल्हेरा सरपंच ने कहा कि लोग राशन के लिए बहुत परेशान हैं, तब एडीएम नाराज हो गए और भला-बुरा कहने लगे। ग्रामीणों की शिकायत पर भी कोई ध्यान नहीं दिया। लेकिन अपर कलेक्टर शुक्ला का कहना है कि कट्टौली के सरपंच ने आगामी पंचायत चुनावों को देखते हुए यह पूरा षडय़ंत्र रचा है। इसके पहले हुई चर्चा का वीडियो वायरल नहीं किया है। पंचायत चुनाव में लाभ प्राप्त करने के लिए सरपंच अनुचित मांगे करने लगा और साथ आए महिला-पुरुषों को भड़काने लगा तब कानून-व्यवस्था की स्थिति निर्मित न हो और सोशल डिस्टेंसिंग बनाए रखने के लिए एफआईआर की धमकी दी गई। वहीं ज्ञापन पर जिला आपूर्ति नियंत्रक को जांच कर दोषियों के विरुद्ध कार्रवाई के लिए निर्देशित किया गया है। इसके साथ ही कार्डधारियों को कार्यालय में बैठाकर पृथक से सुना गया और समस्यओं को अंकित किया गया। हालांकि पोर्टल पर जांच करने पर पाया गया कि उपस्थित हितग्राहियों को सामान्य तौर पर खाद्यान्न वितरण होता रहा है। विस्तृत जांच के लिए कनिष्ठ आपूर्ति अधिकारी को निर्देश दिए गए हैं।
कलेक्टर कार्यालय में दो सरपंच सुरक्षाकर्मियों को धमकाकर जबरन घुस आए थे। यहां प्रशासन और मुख्यमंत्री के विरुद्ध नारेबाजी करने लगे। इससे कार्यालयीन कार्य बाधित होने लगा। बाहर आकर समझाया तो सरपंच तो कहने लगे कि खाद्यान्न नहीं मिल रहा है, कार्रवाई करो, वरना यह जनता है, कुछ भी कर सकती है। तब स्थिति बिगड़ी देख एफआईआर की धमकी दी गई। खाद्यान्न की शिकायत की जांच के निर्देश दे दिए गए हैं। सभी ग्रामीणों की समस्या भी ध्यान से सुनकर आवश्यक कार्रवाई की जा रही है।
उमेशप्रकाश शुक्ला, अपर कलेक्टर, मुरैना।
एक जिम्मेदारी अधिकारी का चुने हुए जनप्रतिनिधि को इस तरह धमकाना ठीक नहीं है। इसे राजनीति से जोडऩे का प्रयास गलत है। हमने यह मामला विधानसभा में लगा दिया है, सरकार से जवाब आने का इंतजार है।
राकेश मावई, विधायक, मुरैना
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