इस दौरान पुलिस भी मौजूद रही, जिससे लोग विरोध नहीं कर पाए। जिनके मकान तोड़े गए हैं वह 6-7 साल से यहां रह रहे थे। लोगों ने जीवनभर की पूंजी लगाकर और लाखों रुपए बैंक से लोन लेकर मकान बनाए थे। कई के पास रजिस्ट्री भी थी और नगर निगम में संपत्तिकर भी जमा कर रहे थे। अधिकारियों का कहना है कि धोखाधड़ी कर लोगों को शासकीय जमीन बेचने वालों पर भी आपराधिक प्रकरण दर्ज करने और रासुका की कार्रवाई करने पर विचार किया जाएगा।
लोगों ने बताया कि अल्फा नगर में 20 लोगों ने नोटरी के आधार पर निर्माण किया था, जबकि 15 लोगों पर रजिस्ट्री है। नोटरी के आधार पर प्लॉट खरीदने वालों को 22 और 28 अगस्त को नोटिस दिए गए थे। इसके बाद 29 अगस्त को कुछ लोगों ने जवाब प्रस्तुत किया, लेकिन रजिस्टर्ड विक्रय पत्र के आधार पर खरीदे गए भूखंड के स्वामियों को कोई नोटिस नहीं दिया गया था। मकानों को तोडऩे की कार्रवाई शुरू होने पर परिजन ने महिलाओं को वहां से दूर कर दिया था। इस दौरान पुरुष अधिकारियों से बात करते रहे या फिर मकानों से सामान निकलवाने का प्रयास करते रहे। जबकि महिलाएं दूर खड़ी देखती रहीं, अपने आशियाने को टूटता देख कुछ महिलाओं ने रोना शुरू कर दिया।
तीन मकानों के सर्वे नंबर पर असमंजस
सर्वे नंबर-840 की जमीन पर चल रही कार्रवाई के साथ ही तीन मकानों के तोडऩे पर संपत्ति स्वामियों ने आपत्ति जताई है। लोगों का कहना था कि सरकारी कार्रवाई सर्वे नंबर-840 की जमीन पर होनी थी, लेकिन अधिकारियों ने बिना सुनवाई और सीमांकन कराए सर्वे नंबर 858 में मौजूद मकानों को भी तोड़ दिया। अधिकारियों का इस संबंध में कहना था कि प्लॉट बेचने वाले ने रजिस्ट्री किसी और सर्वे नंबर की जमीन पर की है, जबकि प्लॉट का कब्जा सरकारी नंबर पर दिया गया था।
इनके मकान टूटे
हाईकोर्ट के आदेश पर लाखन पुत्र सरनाम, महेश पुत्र रामदयाल, फूल सिंह पुत्र मायाराम, घनश्याम पुत्र नापालू, मंजू पत्नी सुनील, जसुआ पुत्र नापालू, लाखन पुत्र नापालू, बालमुकुंद पुत्र मायाराम, ऊषा पत्नी अलबेल सिंह, सोबरन पुत्र नापालू, कैलाश पुत्र नापालू, सुनीता पत्नी बंगाली बाबू, जीतेन्द्र पुत्र हाकिम सिंह, सत्यनारायण पुत्र मलखान सिंह, किरन पत्नी मनोज कुमार पांडेय, गुड्डी पत्नी गेंदालाल, अल्फा डेयरी (सीताराम बनाफर) बेताल पुत्र भागीरथ, पवन पुत्र गंगाराम, धर्मेन्द्र पुत्र भगवानदास, बच्चू सिंह पुत्र मेघसिंह, फूलावरि पत्नी तेजसिंह, दिनेश पुत्र सोहनलाल, रघुवंशी पुत्र फूलसिंह, हरदयाल पुत्र मंशाराम, अतर सिंह पुत्र बदलू राम, सुनीता पत्नी गुलाब सिंह, हरीश कुमार पुत्र रामलाल, रामकृष्ण पत्र हीरालाल और भारत पुत्र जनवेद के मकान तोड़े गए हैं।
बैंक से लोन लिया, सभी कागज पूरे
पत्नी किरन पांडेय के नाम से प्लॉट लिया था, इसे बनाने बैंक से 10 लाख का लोन भी लिया। सभी दस्तावेज पूरे हैं, संपत्तिकर भी जमा कर चुके हैं। दस्तावेजों में नामांतरण है, इसके बाद भी बिना जानकारी दिए मकान तोड़ दिया।
मनोज पांडेय, रहवासी
वैध रजिस्ट्री, संपत्तिकर भी जमा किया
कई साल से पूंजी इक_ी कर रहे थे, अभी नया मकान बनाया है, 14 लाख में प्लॉट खरीदा था। इसके बाद मकान बनाने में 10 लाख रुपए लग गए। नामांतरण, वैध रजिस्ट्री के दस्तावेज हैं, संपत्तिकर भी जमा है, इसके बाद भी तोड़ गए।
सत्यनारायण, रहवासी
धोखे से जमीन बेचने वालों की छानबीन
कोर्ट ने शासकीय भूमि पर बने मकानों को हटाने का आदेश दिया था, इस पर 32 मकानों को तोड़ा गया है। यहां के रहवासियों की मांग पर जमीन का विक्रय कर आमजन से धोखाधड़़ी करने वालों पर भी आपराधिक प्रकरण कायम कराने के साथ रासुका की कार्रवाई करने पर विचार किया जाएगा। पता चला है कि यहां बल्ली कमरिया और सुघरसिंह ने जमीनें बेची थीं।
अनिल बनवारिया, एसडीएम