दरअसल, सड़क सुरक्षा समिति की बैठक में कलेक्टर शिवम वर्मा ने शहर की व्यवस्था को संभालने के लिए चरणबद्ध तरीके से काम करने के निर्देश दिए थे। इनमें सबसे पहले बस स्टैंड और सब्जी मंडी को ठीक करने का टास्क दिया गया था। व्यवस्था को बेहतर बनाने के लिए पूर्व में तहसीलदार और सीएमओ ने निरीक्षण किया था लेकिन इनका असर दुकानदारों पर नहीं हुआ। इसके बाद मंगलवार को दोपहर में एसडीएम गढ़वाल, यातायात निरीक्षक सुधीर हिन्नोरिया सहित पूरी टीम दो घंटे तक सभी दुकानदारों को नसीहत और चेतावनी देती रही। दुकानदारों से यह भी कह दिया गया था कि बुधवार को किसी भी दुकानदार का सामान सड़क पर मिला। ठेले सड़क पर दिखे तो सीधी कार्रवाई की जाएगी। इस चेतावनी के बाद भी बुधवार को एक बार फिर समझाइश दी गई लेकिन जब दुकानदार नहीं माने तो अधिकारियों ने सख्ती दिखाई।
सामान जब्ती होती देख हड़बड़ाए दुकानदार
बस स्टैंड के पास ही प्लास्टिक का सामान बेचनने वाले व्यवसाई सहित अन्य कारोबारियों ने बाहर तक लेजम,टंकी आदि फैला रखी थीं। इसके अलावा दुकान के सामने सबसे ज्यादा हाथठेला विक्रेता खड़े होते हैं। टीम जब दुकानदारोंं को समझाने पहुंची तो सभी ने मिलकर राजनीतिक रसूख दिखाने की कोशिश की लेकिन एसडीएम ने सख्ती दिखाते हुए सामान जब्ती का निर्देश दे दिया। सख्ती बढ़ती देख व्यवसाई ने चुपचाप सामान दुकान के अंदर कर लिया। कार्रवाई के दौरान तहसीलदार आलोक श्रीवास्तव, सीएमओ सतीश मटसेनिया, यातायात पुलिस सब इस्पेक्टर प्रदीप त्यागी, पटवारी गजानन्द समाधिया सहित अन्य कर्मचारी मौजूद थे।