रतनगढ़ मंदिर में शुरू हुए नवरात्र मेले के दौरान नदी में किसी तरह की अप्रिय घटना न हो । इसके लिए अलर्ट जारी कर दिया है। श्रद्धालुओं को चेतावनी जारी करते हुए कहा कि नदी में एक हजार क्यूसेक मीटर पानी आ जाने के कारण वह जल्द ही पुल तक पहुंच जाएगा। इससे किसी को भी नदी में न जाने देने को कहा गया है। किसी तरह की घटना को रोकने के लिए पुल के नीचे लाइफ जैकेट व अन्य संसाधनो से लैस होमगार्ड जवानों तो तैनात कर दिया है। वहीं पुल पर पुलिस के जवानों को लगा दिया है।
सहायक मेला अधिकारी अशोक सिंह चौहान के मुताबिक मेले के दूसरे दिन यानी शुक्रवार को रतनगढ़ मंदिर पर करीब 10 हजार श्रद्धालु पहुंचे। चूंकि दिन रुक-रुक कर बारिश होती रही लिहाजा संख्या कम रही। अगले दिन संख्या बढऩे की उम्मीद है। उन्होंने बताया कि जल संसाधन विभाग द्वारा नदी में पानी बढऩे की सूचना पर अलर्ट जारी किया गया है।
इसलिए लोगों की सुरक्षा के पुख्ता प्रबंध किे गए हैं। बता दें कि जिला प्रशासन ने मेले को सुचारु रूप से चलाने के लिए जिला पंचायत के सीईओ संदीप माकिन को मेला अधिकारी बनाया गया है। वहीं सेंवढ़ा एसडीएम को सहायक मेला अधिकारी बनाया गया है। इसके अलावा करीब आधा सैकड़ा अधिकारियों को मेले के दौरान तमाम जिम्मेदारियां दी गई हैं। नवरात्र पर जिले के अन्य मंदिरों जिनमें मां पीतांबरा पर भी बारिश के चलते कम ही भक्त पहुंच सके। वही खैरी व बड़ी माता मंदिर पर भी भक्तों की संख्या अपेक्षाकृत कम रही।
2013में ऐसे हुई थी रतनगढ़ मंदिर त्रासदी
देश के प्रतिष्ठित मंदिरों में से एक रतनगढ़ के मंदिर में 2013 में भगदड़ मचने से करीब 115 लोगों की मौत हो गई थी। लोग बताते है कि मंदिर में भगदड़ के बाद लोग पानी में कूद गए थे और नदी में पानी का स्तर अधिक होने से कई लोगों की मौत हो गई थी। जबकि यहां सिंध नदी में पानी का स्तर ज्यादा नहीं रहता।