मसालों के साथ-साथ ग्रह उद्योग में नकली घी बनाने का भी संदेह है। अधिकारियों के अनुसार निरीक्षण में एक बोतल में 862 ग्राम एसेंस मिला है। इस एसेंस को पानी में डालकर देखा तो पूरे पानी में घी के जैसी खुशबू आने लगी। बताया जाता है कि नकली घी तैयार करने के लिये रिफाइंड उबालकर इस एसेंस को मिलाया जाता है। जिससे बगैर क्रीम के ही घी तैयार हो जाता है, यह मिलावटी घी बाजार में सस्ते दामों में खपाया जाता है।
-ताजा,महक,सोयम,बाबा गोल्ड,देवा-अंश,प्योर गोल्ड, सुपर सेवन डेज,डाइट एन्ड लाइट मसालों सहित अन्य की खाली पैकिंग मिली है। संचालक ने बताया कि यह पैकिंग रेडीमेड लाई जाती है। इन पैकिंगों के खली रैपर पर हैदराबाद,इंडिया, दिल्ली आदि जगहों के नाम लिखे हैं। इन पर प्रीमियम क्वालिटी फूड का स्लोगन लिखा है। ताजा के नाम से पैकिंग में काली मिर्च का मार्क था, इस पर अप्रैल २०१७ की एक्सपायर डेट थी। जबकि मसालों के पैङ्क्षकग पर लाल मिर्च, लाल मिर्च कुटी, कश्मीरी मिर्च, हल्दी पाउडर, धनिया पाउडर, गरम मसाला, मीट मसाला, सांभर मसाला, चाट मसाला, अमचूर पाउडर लिखा हुआ है। महक ब्रांड के नाम से मसालों की सात बोरियां मिलीं, इन सभी में एक्सपायर मसाले भरे हुये थे।
हल्दी -कमरे के कौने में हल्दी का बोरा रखा था, इस पर कवर रखा था, कवर हटाते ही इसमें सबसे ऊपर ही कीड़े बिलबिलाते नजर आये। ऊपर से थोड़ा हटाने पर इसमें और जयादा कीड़े बिलबिलाते दिखे। संचालक ने बताया कि यह लगभग आठ महीने पुरानी रखी है।
धनिया
बड़ी
दलिया
हवन सामग्री -मसालों के पास ही एक बोरी में हवन सामग्री के नाम से चूरा भरा हुआ था, इसको लेकर वहां मौजूद सरकारी कर्मियों ने बताया कि इसमें कंडे मिलाये गए थे। इसमें मिलाने के लिये सड़ी हुई नारियल गरी को भी रखा गया था।
अमचूर
आम जन के लिये सलाह खाद्य सुरक्षा अधिकारी निरुपमा शर्मा ने बताया कि जिन मसालों से निम्न-मध्यम वर्ग की रसोई में बनने वाली सब्जी में जायका आता है, उसको परखना जरूरी है। जब भी मसाले या अन्य कोई खाद्य सामग्री बाजार से घर लायें तो
पहले मैन्युफैक्चरिंग और एक्सपायर डेट को जरूरी देख लेें। इसके साथ ही निर्माण स्थल, कंपनी का नाम, बैच नंबर, एफएसएसएआई मार्का जरूर देख लेना चाहिये।
-मसाला फैक्ट्री को लेकर शिकायत मिली थी, इसके बाद शाम के समय यहां कार्रवाई की। कार्यवाही के दौरान बहुत से एक्सपायर मसाले मिले हैं। हल्दी, धनिया, तरबूज की मिगी में कीड़े बिलबिला रहे थे। खराब अचार रखा हुआ था, इसको अमचूर में मिलाने की बात सामने आई है। फूड की टीम से सैंपल भरवाये हैं, इसके अलावा एक्सपायर सामान को नष्ट करवाया गया है। यह सीधे सेहत से खिलवाड़ का मामला है, इसमें अन्य दंडात्मक कार्रवाई भी की जाएगी।
-घाटा होने पर मैंने आठ महीने पहले दुकान बंद की थी, उसमें जो सामान बचा था,उसको घर पर रख लिया था। यह सामान तब से एेसा ही रखा है। जबकि महक मसालों के पैकेट मेरे एक मित्र के हैं, उसने यहां रखवाये हैं। हमने शॉप एक्ट में पंजीयन कराया है। हम छोटा सा ग्रह उद्योग चला रहे हैं, मिलावट हम नहीं करते हैं।